Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    9 Jul, 2025 ♦ 12:49 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»जोहार ब्रेकिंग»श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : जय कन्हैया लाल की, मदन गोपाल की….
    जोहार ब्रेकिंग

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : जय कन्हैया लाल की, मदन गोपाल की….

    Team JoharBy Team JoharAugust 22, 2019Updated:August 22, 2019No Comments8 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Desk

    जब-जब भी असुरों के अत्याचार बढ़े हैं और धर्म का पतन हुआ है तब-तब भगवान ने पृथ्वी पर अवतार लेकर सत्य और धर्म की स्थापना की है। इसी कड़ी में भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में भगवान कृष्ण ने अवतार लिया।
    चूंंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अतः इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी अथवा जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इस दिन स्त्री-पुरुष रात्रि बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांंकियांं सजाई जाती हैं और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है।

    भगवान श्रीकृष्ण विष्णुजी के आठवें अवतार माने जाते हैं। यह श्रीविष्णु का सोलह कलाओं से पूर्ण भव्यतम अवतार है। श्रीराम तो राजा दशरथ के यहाँ एक राजकुमार के रूप में अवतरित हुए थे, जबकि श्रीकृष्ण का प्राकट्य आततायी कंस के कारागार में हुआ था। श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि को रोहिणी नक्षत्र में देवकी व श्रीवसुदेव के पुत्ररूप में हुआ था। कंस ने अपनी मृत्यु के भय से बहिन देवकी और वसुदेव को कारागार में क़ैद किया हुआ था।

    कृष्ण जन्म के समय घनघोर वर्षा हो रही थी। चारों तरफ़ घना अंधकार छाया हुआ था। श्रीकृष्ण का अवतरण होते ही वसुदेव–देवकी की बेड़ियाँ खुल गईं, कारागार के द्वार स्वयं ही खुल गए, पहरेदार गहरी निद्रा में सो गए। वसुदेव किसी तरह श्रीकृष्ण को उफनती यमुना के पार गोकुल में अपने मित्र नन्दगोप के घर ले गए। वहाँ पर नन्द की पत्नी यशोदा को भी एक कन्या उत्पन्न हुई थी। वसुदेव श्रीकृष्ण को यशोदा के पास सुलाकर उस कन्या को ले गए। कंस ने उस कन्या को पटककर मार डालना चाहा। किन्तु वह इस कार्य में असफल ही रहा। श्रीकृष्ण का लालन–पालन यशोदा व नन्द ने किया। बाल्यकाल में ही श्रीकृष्ण ने अपने मामा के द्वारा भेजे गए अनेक राक्षसों को मार डाला और उसके सभी कुप्रयासों को विफल कर दिया। अन्त में श्रीकृष्ण ने आतातायी कंस को ही मार दिया। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का नाम ही जन्माष्टमी है। गोकुल में यह त्योहार ‘गोकुलाष्टमी’ के नाम से मनाया जाता है।

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी का जन्मोत्सव देश के साथ विदेशों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस बार यह शुभ पर्व 23 अगस्त और 24 अगस्त दोनों दिन मनेगा। इस साल जन्माष्टमी अद्भुत संयोग लेकर आ रही है। जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक इस साल की जन्माष्टमी पर भी रोहिणी नक्षत्र में ये अद्भुत संयोग है।

    कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्स्व है। योगेश्वर कृष्ण के भगवद गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं। जन्माष्टमी भारत में हीं नहीं बल्कि विदेशों में बसे भारतीय भी इसे पूरी आस्था व उल्लास से मनाते हैं। श्रीकृष्ण ने अपना अवतार भाद्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में लिया। चूंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर अवतरित हुए थे अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। इसीलिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा नगरी भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठती है।

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन मौके पर भगवान कान्हा की मोहक छवि देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आज के दिन मथुरा पहुंचते हैं। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा कृष्णमय हो जाता है। मंदिरों को खास तौर पर सजाया जाता है। ज्न्माष्टमी में स्त्री-पुरुष बारह बजे तक व्रत रखते हैं। इस दिन मंदिरों में झांकियां सजाई जाती है और भगवान कृष्ण को झूला झुलाया जाता है। और रासलीला का आयोजन होता है।

    कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त भव्य चांदनी चौक, दिल्ली (भारत) की खरीदारी सड़कों पर कृष्णा झुला,] श्री लाडू गोपाल के लिए कपड़े और उनके प्रिय भगवान कृष्ण को खरीदते हैं। सभी मंदिरों को खूबसूरती से सजाया जाता है और भक्त आधी रात तक इंतजार करते हैं ताकि वे देख सकें कि उनके द्वारा बनाई गई खूबसूरत खरीद के साथ उनके बाल गोपाल कैसे दिखते हैं।

    अष्टमी दो प्रकार की है- पहली जन्माष्टमी और दूसरी जयंती। इसमें केवल पहली अष्टमी है।

    स्कन्द पुराण के मतानुसार जो भी व्यक्ति जानकर भी कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को नहीं करता, वह मनुष्य जंगल में सर्प और व्याघ्र होता है। ब्रह्मपुराण का कथन है कि कलियुग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी में अट्ठाइसवें युग में देवकी के पुत्र श्रीकृष्ण उत्पन्न हुए थे। यदि दिन या रात में कलामात्र भी रोहिणी न हो तो विशेषकर चंद्रमा से मिली हुई रात्रि में इस व्रत को करें। भविष्य पुराण का वचन है- भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष में कृष्ण जन्माष्टमी व्रत को जो मनुष्य नहीं करता, वह क्रूर राक्षस होता है। केवल अष्टमी तिथि में ही उपवास करना कहा गया है। यदि वही तिथि रोहिणी नक्षत्र से युक्त हो तो ‘जयंती’ नाम से संबोधित की जाएगी। वह्निपुराण का वचन है कि कृष्णपक्ष की जन्माष्टमी में यदि एक कला भी रोहिणी नक्षत्र हो तो उसको जयंती नाम से ही संबोधित किया जाएगा। अतः उसमें प्रयत्न से उपवास करना चाहिए।

    विष्णुरहस्यादि वचन से- कृष्णपक्ष की अष्टमी रोहिणी नक्षत्र से युक्त भाद्रपद मास में हो तो वह जयंती नामवाली ही कही जाएगी। वसिष्ठ संहिता का मत है- यदि अष्टमी तथा रोहिणी इन दोनों का योग अहोरात्र में असम्पूर्ण भी हो तो मुहूर्त मात्र में भी अहोरात्र के योग में उपवास करना चाहिए।मदन रत्न में स्कन्द पुराण का वचन है कि जो उत्तम पुरुष है। वे निश्चित रूप से जन्माष्टमी व्रत को इस लोक में करते हैं।

    उनके पास सदैव स्थिर लक्ष्मी होती है। इस व्रत के करने के प्रभाव से उनके समस्त कार्य सिद्ध होते हैं। विष्णु धर्म के अनुसार आधी रात के समय रोहिणी में जब कृष्णाष्टमी हो तो उसमें कृष्ण का अर्चन और पूजन करने से तीन जन्मों के पापों का नाश होता है। भृगु ने कहा है- जन्माष्टमी, रोहिणी और शिवरात्रि ये पूर्वविद्धा ही करनी चाहिए तथा तिथि एवं नक्षत्र के अन्त में पारणा करें। इसमें केवल रोहिणी उपवास भी सिद्ध है। अन्त्य की दोनों में परा ही लें।

    श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी की रात्रि को मोहरात्रि कहा गया है। इस रात में योगेश्वर श्रीकृष्ण का ध्यान, नाम अथवा मंत्र जपते हुए जगने से संसार की मोह-माया से आसक्तिहटती है। जन्माष्टमी का व्रत व्रतराज है। इसके सविधि पालन से आज आप अनेक व्रतों से प्राप्त होने वाली महान पुण्यराशिप्राप्त कर लेंगे।

    व्रजमण्डलमें श्रीकृष्णाष्टमीके दूसरे दिन भाद्रपद-कृष्ण-नवमी में नंद-महोत्सव अर्थात् दधिकांदौ श्रीकृष्ण के जन्म लेने के उपलक्षमें बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान के श्रीविग्रहपर हल्दी, दही, घी, तेल, गुलाबजल, मक्खन, केसर, कपूर आदि चढाकर ब्रजवासीउसका परस्पर लेपन और छिडकाव करते हैं। वाद्ययंत्रोंसे मंगलध्वनिबजाई जाती है। भक्तजन मिठाई बांटते हैं। जगद्गुरु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नि:संदेह सम्पूर्ण विश्व के लिए आनंद-मंगल का संदेश देता है।

    शुभ संयोग में मानेगा जन्माष्टमी

    शास्त्रानुसार जन्माष्टमी का व्रत रात्रि में चंद्रोदय के समय भाद्रपद कृष्ण अष्ठमी तिथि हो उस दिन कृष्ण जन्माष्टमी मान्य होता है। यह चंद्रोदय दर्शन का संयोग वर्ष में एक ही बार होता है जो इस बार 23 अगस्त शुक्रवार को होगा इसलिए इस बार गृहस्तियों के लिए कृष्ण जन्माष्टमी 23 अगस्त शुक्रवार को मनाया जायेगा। वही 24 अगस्त वैष्णो संप्रदाय के लोगों का होगा।

    शुभ योग : भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात 12 बजे रोहिणी नछत्र हो तथा सूर्य सिंह राशि में और चन्द्रमा वृष राशि में हो तो कृष्ण जयंती का योग बनता है। इस बार जन्माष्मी का संयोग ठीक वैसे ही बन रह है जिस तरह द्वापर युग में अष्टमी तिथि को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे ऐसा अद्भुत संयोग इस साल की जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है। पूजा का शुभ मुहूर्त – 23 अगस्त

    भाद्रपद की अष्टमी अष्टमी को मोह रात्रि के नाम से भी जाना जाता है इस रात्रि निम्न उपाय करने से लाभ मिलता है-

    • 1 धन लाभ के लिए- श्री कृष्ण को पिले फूल की माला अर्पण करे।।
    • 2 मनोकामना की पूर्ति के लिए – प्रातः शंख में जल भर के कान्हा का अभिषेक करे।।
    • 3 ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए- सफ़ेद मिठाई का भोग लगाये।
    • 4 धन यश प्राप्ति के लिए- कृष्णा के मंदिर में पिला वस्त्र पिला अन्न का दान करें।।
    • 5 सर्व कार्य सिद्ध के लिए- जटा वाला नारियल और बादाम चढ़ाये।।
    • 6 स्थाई सुख के लिए- रात्रि 12 बजे केशर मिश्रित दूध से भगवन कृष्ण का अभिषेक करे।।
    • 7 परिवार में सुख शांति के लिए- तुलसी के पौधे में घी का दीपक जलाकर ॐ नमः भगवते वाशुदेवाय का जप करे।
    • राशि अनुसार अष्टमी के दिन जप करे-
    • मेष – ऊँ कमलनाथाय नमः।
    • वृष – ऊँ वाशुदेवाय नमः।
    • मिथुन – ऊँ गोविंदाय नमः।
    • कर्क – ऊँ हिरनगर्भाय अवेयक्तरूपाय नमः।
    • सिंह – ऊँ क्लीं जगधराय नमः।
    • कन्या – ऊँ पितम्बराय नमः।
    • तुला- ऊँ श्रीं वत्सल्य नमः।
    • धनु- ऊँ श्रीं देवकृष्णाय नमः।
    • मकर – ऊँ नारायण सुरसिद्धे नमः।
    • कुम्भ – ऊँ लीला धाराय नमः।
    • मीन – ऊँ देवकी नन्दनाय नमः।
    #Online news Dharmik news Latest hidni news
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleसुजीत सिन्हा का नाम इस्तेमाल कर भाजपा नेता से 50 हज़ार रंगदारी मांगने मामले में अपराधी हॉटलिप्स चौक से गिरफ्तार, सिम व मोबाइल जप्त, जाने पूरी रिपोर्ट
    Next Article डीपीएस के छात्र अंतरिक्ष मौत मामले में सीआईडी एडीजी ने की सीबीआई जांच की सिफारिश, डीजीपी को भेजा पत्र, जाने पूरी रिपोर्ट

    Related Posts

    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 09 JULY 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    July 9, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    झारखंड के स्वास्थ्य विभाग में बड़ा फेर-बदल… देखें लिस्ट

    July 8, 2025
    चतरा

    एक करोड़ की अफीम के साथ तस्कर गिरफ्तार, पंजाब पहुंचाना था माल

    July 8, 2025
    Latest Posts

    DRDO ने शुरू की पेड इंटर्नशिप, 165 सीटों पर मिलेगा रिसर्च का मौका

    July 9, 2025

    अमित शाह आज रांची पहुंचेंगे, कल पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में होंगे शामिल

    July 9, 2025

    बिहार पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2025 के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड

    July 9, 2025

    बैल को बचाने के चक्कर में कार ने मा’री बस को टक्कर

    July 9, 2025

    शौचालय की टंकी में उतरे बाप-बेटे समेत तीन की मौ’त

    July 9, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.