5.5 लाख में बेच दिया पूरा कैंपस, अब ठेकेदार कर रहा मनमानी

विवेक शर्मा

रांची : स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी का निर्माण कराया. वहां पर मरीजों को हाईटेक इलाज के साथ सुविधाएं भी मुहैया कराई जा रही है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग का हॉस्पिटल का पूरा कैंपस महज 5.5 लाख रुपये में बेच दिया है. जी हां, पार्किंग के लिए सदर का पूरा कैंपस ही ठेकेदारों को दे दिया गया है वह भी एक साल के लिए. अब ठेकेदार कैंपस में आने वाले लोगों से मनमाने तरीके से पार्किंग चार्ज वसूल रहे है. इतना ही नहीं इस चक्कर में कैंपस में आने वालों से कहासुनी तो आम हो गई है. कई बार विवाद इतना बढ़ जा रहा है कि ठेकेदार गाड़ियों को रोक ले रहे है. मनमाना चार्ज लेने के बाद ही गाड़ियों को छोड़ा जा रहा है. गाड़ियों के मालिक से बदसलूकी करने से भी वे बाज नहीं आ रहे है.

बेसमेंट पार्किंग केवल डॉक्टर-स्टाफ के लिए

सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी में बड़ी पार्किंग बनाई गई है. लेकिन यह पार्किंग केवल डॉक्टरों और स्टाफ के लिए रिजर्व रखा गया है. जबकि शुरुआत में केवल अंडरग्राउंड पार्किंग के लिए टेंडर किया गया था. जिससे कि गाड़ियां कैंपस में नहीं रहती. सभी को बेसमेंट पार्किंग में ही गाड़ियां लगानी थी. लेकिन चढ़ावा के चक्कर में अधिकारियों ने पूरा कैंपस ही ठेकेदार को सौंप दिया. अब तो कैंपस में घुसते ही वे चार्ज वसूल लेते है. फिर काम चाहे चंद मिनटों का हो या फिर घंटों का.

निगम की पार्किंग से भी महंगा

सिविल सर्जन ऑफिस से लेकर सदर कैंपस पूरा एक है. कैंपस में घुसते ही ठेकेदार के आदमी पार्किंग चार्ज की पर्ची थमा देते है. इसमें बाइक के लिए प्रति घंटे दस रुपए चार्ज है. वहीं कार व अन्य छोटे वाहनों के लिए पार्किंग चार्ज प्रति घंटे 20 रुपये वसूला जा रहा है. जबकि रांची नगर निगम ने पूरे शहर में पार्किंग के लिए सबसे न्यूनजत चार्ज निर्धारित किया है. जिसके तहत 5 रुपये में टू व्हीलर तीन घंटे पार्क कर सकते है. वहीं कार के लिए 20 रुपये प्रति तीन घंटे निर्धारित है. इतना ही नहीं शुरुआत के दस मिनट सभी के लिए फ्री है.

सीएस का तर्क, सदर को मिला राजस्व

सदर हॉस्पिटल का पूरा कैंपस ठेकेदार को बेच दिए जाने के पीछे सिविल सर्जन के अलग-अलग तर्क है. उनका कहना है कि इससे हॉस्पिटल को एकमुश्त 5.5 लाख रुपये मिल गए है. जिसका इस्तेमाल हम मरीजों के हित में कर सकते है. वहीं कैंपस में बेवजह गाड़ियों की भीड़ भी नहीं लगेगी. इसके अलावा जो भी आएंगे उन्हें चार्ज तो देना पड़ेगा. चूंकि पहले कॉलेज के स्टूडेंट्स ने कैंपस को ही पार्किंग बना दिया था. अब कैंपस में भीड़ भी नहीं होती. वहीं ज्यादा चार्ज पर उन्होंने कहा कि जल्द ही इस पर विचार करते हुए कम कराया जाएगा.

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