Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    12 Jul, 2025 ♦ 2:11 PM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»धर्म/ज्योतिष»शारदीय नवरात्र : नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की होती है उपासना
    धर्म/ज्योतिष

    शारदीय नवरात्र : नवरात्रि के सातवे दिन मां कालरात्रि की होती है उपासना

    Team JoharBy Team JoharOctober 5, 2019No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    JoharLive Team

    नवरात्रि का सातवाँ दिन: अश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि 5 अक्टूबर दिन शनिवार को नव दुर्गा की सातवीं शक्ति माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। कालरात्रि का यह स्वरुप शनि ग्रह को निंयत्रित करती है। माता कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयावह है, लेकिन ये सदैव शुभ फल देने वाली हैं। इससे इनका नाम ‘शुभंकारी’ भी है। इनका स्वरुप घने अंधकार की तरह एकदम काला है, बाल बिखरे हुए हैं, गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। नासिका के श्वास-प्रश्वासअग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती है। इनका वाहन गर्दभ (गदहा) है। इनकी चरों भुजाएं वरमुद्रा, अभयमुद्रा,लोहे का काँटा तथा खड्ग (कटार) से सुशोभित है। देवी के इस रूप की आराधना से सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है। देवी कालरात्रि की उपासना से सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन का वह भागी होता है। जिससे भक्त के समस्त पापों-विघ्नों का नाश होता है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। सप्तमी के दिन माँ को गुड़ का नैवेद अर्पित करने से दुःख और शोक से मुक्ति मिलती है।। सप्तमी की पूजा में माँ कालरात्रि की पूजा के बाद इस मन्त्र का जाप करना चाहिए-

    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

    या इस मन्त्र का जाप करे

    ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः

    आचार्य प्रणव मिश्रा

    आचार्यकुलम, अरगोड़ा, रांची।

    9031249105

    Dharmik news Latest news Sharadiya Navratri
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleआज 05 अक्टूबर का राशिफल : क्या कहते हैं आपके सितारे, जानिए
    Next Article मुंबई में पेड़ काटने पर हंगामा, आरे कॉलोनी के पास धारा 144 लागू

    Related Posts

    बिहार

    शराब तस्करों का पीछा कर रही पुलिस वैन ने बाइक को मारी टक्कर, फिर…

    July 12, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 12 JULY 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    July 12, 2025
    ट्रेंडिंग

    सावन मास 2025 : भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र महीना आज शुरू… जानें रुद्राभिषेक और व्रत का महत्व

    July 11, 2025
    Latest Posts

    सात राज्यों में मशहूर है घेवर, हर जगह अलग अंदाज़… जानें

    July 12, 2025

    बॉलीवुड के नए विलेन ‘जहराक’ के किरदार में करण वीर मेहरा ने दिखाया अपना अलग अंदाज

    July 12, 2025

    रामपुरहाट-डुमरी हाईवे पर फिर हुआ भू-धंसान

    July 12, 2025

    NH-922 पर भीषण सड़क हादसा, बालू लदा ट्रक आपस में टकराया, ड्राइवर की हालत नाजुक

    July 12, 2025

    श्रावणी मेला 2025 : जानिए मेले में क्या है महंगा और क्या सस्ता

    July 12, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.