दिल्ली शराब घोटाले में BJP के कई बड़े नेता शामिल: संजय सिंह

नई दिल्ली : AAP के दिल्ली से राज्यसभा सांसद संजय सिंह दो दिन पहले Delhi Excise Policy Scam केस में जमानत पर रिहा हुए हैं. रिहाई के बाद से ही वह राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं. शुक्रवार की सुबह उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया है.

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि दिल्ली शराब घोटाला में BJP के कई बड़े नेता शामिल हैं. केजरीवाल की गिरफ्तारी एक साजिश के तहत की गई है.  संजय सिंह ने दावा किया कि दिल्ली शराब घोटाले में जिन लोगों को आरोपियों के रूप में पकड़ा गया था. उन्होंने जब तक केजरीवाल का नाम नहीं लिया, ईडी ने उनके बयान पर भरोसा नहीं किया. जैसे ही उनसभी ने बयान में अरविंद केजरीवाल का नाम लिया उसे मान लिया गया. उसके बाद केजरीवाल को गिरफ्तार लिया गया. घोटाले में सबसे पहला नाम मगुंता रेड्डी और दूसरा नाम शरत रेड्डी का है.

दसवें बयान में आया केजरीवाल का नाम

सांसद संजय सिंह ने कहा  BJP नेता मगुंटा रेड्डी और उसके बेटे राघव मगुंटा इसमें शामिल हैं. इन्होंने दबाव में आकर केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया. इनके नौ बयानों में कहीं कुछ नहीं था और दसवें बयान में अरविंद केजरीवाल का नाम आ जाता है, ये सोचने वाली बात है. 16 जुलाई को इन्होंने बयान दिया और 18 जुलाई को उनकी जमानत हो गई. अब वह टीडीपी से सांसद का चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद उन्होंने शरत रेड्डी का नाम लेते हुए कहा कि इन्होंने 12 बयान दिए. शुरुआती बयानों में यह कहते रहे कि केजरीवाल को नहीं जानते और ठीक छह महीने बाद केजरीवाल के खिलाफ बयान दे दिया.

घोटालेबाज है शरत रेड्डी

उनकी जमानत भी हो गई. BJP शरत रेड्डी को शराब का घोटालेबाज कहती है लेकिन उसी ने तो BJP को 55 करोड़ रुपए दिया है. 21 मार्च को जब साबित हो गया कि शराब घोटाला BJP ने किया है और फिर रात को केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया. केजरीवाल निर्दोष है. उन्हें बिना कोई गलती की सजा मिल रही है. BJP का एक ही नारा जो जितना बड़ा भ्रष्टाचारी, उतना बड़ा पदाधिकारी.

देश के अन्य मुख्यमंत्रियों को भी जेल भेजने की तैयारी: संजय सिंह

उन्होंने आगे कहा “BJP अन्य मुख्यमंत्रियों को भी जेल भेजने की तैयारियां कर रही है. यह देश में लोकतंत्र और संविधान के लिए बहुत खतरनाक है और हमें इसके खिलाफ लड़ने की जरूरत है।“ महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी क्योंकि उस समय बोलने और रहने की आजादी नहीं थी. एक बार फिर आजादी के 77 साल बाद देश में वही स्थिति पैदा हो गई है.