झारखंड हाईकोर्ट को राज्य सरकार ने बताया : नक्शा पास करने का सॉफ्टवेयर तैयार, कल से होगा लाइव, एक सप्ताह चलेगा ट्रायल

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में राज्य के नगर निकायों में नक्शे स्वीकृति में पैसों के खेल मामले में कोर्ट के स्वतः संज्ञान की सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया जो पूर्व में नक्शा पास करने की प्रक्रिया थी उसमें संशोधन कर नया प्रोसेस लागू किया गया है। उस प्रोसेस में नक्शा स्वीकृति की प्रक्रिया 5 चरणों में पूरी हो जानी है। जिसमें नक्शा की वैधता की जांच होनी है और नक्शा पास होना है, इसे लोगों के हित को देखते हुए पूरे राज्य में के नगर निगम में लागू किया जाना है। इसके लिए एक नया सॉफ्टवेयर भी तैयार किया गया हे जो मंगलवार को लाइव कर दिया जाएगा। इस नक्शा पास करने के सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग और ट्रायल सप्ताह भर चलने की उम्मीद है।

नक्शा का निष्पादन इस नए सॉफ्टवेयर से 2 अगस्त से पूरे राज्य में चालू कर दिया जाएगा। कोर्ट ने मामले में आरआरडीए और रांची नगर निगम को लंबित नक्शा के बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 3 अगस्त निर्धारित की है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश, रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन सहदेव एवं आरआरडीए की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की. मामले में एमिकस क्यूरी अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा उपस्थित थे। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्रशेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

बता दें कि इससे संबंधित खबर रांची के स्थानीय समाचार पत्र में छुपी थी, जिस पर कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था कोर्ट ने इस मामले को एलपीए 132/2012 के साथ टेग करने का निर्देश दिया था। उल्लेखनीय है कि 20-30 रुपए प्रति वर्ग फीट चढ़ावा, तब पास होता है नक्शा बीबी वर्ग फीट तक चढ़ावा देकर नवशा की स्वीकृति प्राप्त किया जाता है. नगर निकायों में नक्शा स्वीकृति के हर चरण पर चढ़ावे की रकम फिक्स कर दी गई है।