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    Home»ट्रेंडिंग»राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का समापन, 1 सितंबर को ‘गांधी से अंबेडकर’ पदयात्रा
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    राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का समापन, 1 सितंबर को ‘गांधी से अंबेडकर’ पदयात्रा

    Kajal KumariBy Kajal KumariAugust 31, 2025No Comments3 Mins Read
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    Patna : 15 दिन की लंबी वोटर अधिकार यात्रा के बाद महागठबंधन अब अपने समापन की ओर है। 1 सितंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित अन्य नेता पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति से हाई कोर्ट के अंबेडकर स्मारक तक 4 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे। इस कार्यक्रम का नाम ‘गांधी से अंबेडकर’ रखा गया है। इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संदेश देना चाहते हैं।

    रैली की जगह क्यों हुई पदयात्रा :

    महागठबंधन ने पहले गांधी मैदान में रैली की योजना बनाई थी, लेकिन मैदान उपलब्ध न होने के कारण इसे पदयात्रा में बदल दिया गया। कांग्रेस का कहना है कि गांधी मैदान समय पर बुक नहीं हो सका। इसके बावजूद, वेटनरी कॉलेज ग्राउंड या मिलर ग्राउंड जैसे अन्य मैदानों की बजाय सीधे पदयात्रा का फैसला लिया गया।

    पदयात्रा के पीछे की 4 बड़ी वजहें :

    1. संविधान की रक्षा का संदेश : वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी के अनुसार, राहुल गांधी इस पदयात्रा के जरिए संविधान और लोकतंत्र को बचाने का संदेश देना चाहते हैं। वह महात्मा गांधी के आंदोलन और अंबेडकर के संविधान को जोड़कर वोट चोरी के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
    2. भीड़ कम होने का डर : पत्रकार अरुण पांडे कहते हैं कि 1300 किलोमीटर की यात्रा के बाद पटना में रैली के लिए पहले के जिलों से भीड़ जुटाना मुश्किल था। कम भीड़ से नकारात्मक संदेश जाने का डर था।
    3. पिछली रैलियों से तुलना का डर : गांधी मैदान में जेपी आंदोलन और लालू यादव की रैलियों में लाखों की भीड़ जुटी थी। अगर राहुल की रैली में भीड़ कम होती, तो इसकी तुलना उनसे होती और उनकी छवि को नुकसान हो सकता था।
    4. भाजपा के हंगामे का खतरा : यात्रा के दौरान दरभंगा और भोजपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। रैली में भी इस तरह के बवाल की आशंका थी, जिससे बचने के लिए पदयात्रा का फैसला लिया गया।

    पदयात्रा का रूट :

    यह यात्रा गांधी मैदान के गेट नंबर-1 से शुरू होकर एसपी वर्मा रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली थाना, इनकम टैक्स गोलंबर, नेहरू पथ होते हुए अंबेडकर मूर्ति तक जाएगी।

    कांग्रेस का दमखम, राजद के लिए चुनौती :

    प्रवीण बागी के मुताबिक, यह यात्रा भले ही महागठबंधन की हो, लेकिन इसका असल मकसद बिहार में कांग्रेस को मजबूत करना है। राहुल गांधी सड़क से सत्ता तक की राजनीति करना चाहते हैं और ‘शहजादे’ की छवि तोड़कर जनता के बीच अपनी जगह बनाना चाहते हैं।

    हालांकि, यह यात्रा राजद के लिए चुनौती बन सकती है। कांग्रेस आगामी चुनाव में 70 सीटों की मांग कर रही है, जबकि राजद इसे 50-55 तक सीमित करना चाहता है। इस यात्रा के जरिए राहुल ने कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन किया है।

    अखिलेश यादव भी शामिल :

    इस यात्रा में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी बक्सर में शामिल हुए। महागठबंधन के अन्य नेता इस यात्रा में अतिथि भूमिका में हैं, जबकि मुख्य कमान कांग्रेस के हाथ में है।

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    'Gandhi to Ambedkar' padyatra on 1 September 1 सितंबर को 'गांधी से अंबेडकर' पदयात्रा Rahul Gandhi's Voter Rights Yatra concludes राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर तेजस्वी यादव बोले- 'यह यात्रा होगी ऐतिहासिक'
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