Johar Live Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे को लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस यात्रा को “बहुत देर से लिया गया फैसला” बताते हुए कहा कि दो साल बाद प्रधानमंत्री का मणिपुर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने केरल के वायनाड में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री ने आखिरकार मणिपुर जाने का फैसला किया, लेकिन यह फैसला बहुत पहले लिया जाना चाहिए था। प्रियंका का कहना था कि मणिपुर के लोग दो साल से संघर्ष, हिंसा और मौत का सामना कर रहे हैं, और प्रधानमंत्री ने अब जाकर वहां जाने का फैसला किया। उन्होंने यह भी कहा कि आज़ादी के बाद से यह परंपरा रही है कि प्रधानमंत्री जहां भी देशवासियों को पीड़ा हो, वहां तुरंत पहुंचते हैं, लेकिन मोदी सरकार ने इस परंपरा को दो साल बाद निभाया।
इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी प्रधानमंत्री की आलोचना की और उनके मणिपुर दौरे को “औपचारिकता” और “घावों पर नमक छिड़कने जैसा” बताया। उन्होंने कहा कि तीन घंटे की यह यात्रा करुणा का नहीं, बल्कि एक औपचारिक पिट स्टॉप जैसा है, जो मणिपुर की गहरी पीड़ा के साथ न्याय नहीं करता। उनके मुताबिक, प्रधानमंत्री ने 864 दिनों में मणिपुर की कोई सुध नहीं ली, जबकि इस दौरान 300 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है, 67,000 लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए और 1,500 से अधिक घायल हुए। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि इसी दौरान प्रधानमंत्री ने 46 बार विदेश यात्रा की, लेकिन मणिपुर की जनता के लिए उन्होंने संवेदना के दो शब्द तक नहीं कहे।
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की पिछली मणिपुर यात्रा जनवरी 2022 में चुनाव प्रचार के लिए हुई थी। उनका कहना था कि बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने मणिपुर की मासूम जिंदगियों को कुचल कर रख दिया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में जारी हिंसा और प्रशासनिक विफलता को छुपाने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू किया, लेकिन इसके बावजूद हालात नहीं सुधरे। उनका आरोप था कि यह सरकार सिर्फ कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पा रही, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमाओं की निगरानी जैसे अहम जिम्मेदारियों में भी नाकाम साबित हो रही है।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार के दौरे पर हैं। मणिपुर के चुराचांदपुर में उन्होंने करीब 7,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिनमें अर्बन रोड्स, ड्रेनेज सिस्टम, राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाएं, महिला छात्रावास और मणिपुर इन्फोटेक डेवलपमेंट प्रोजेक्ट शामिल हैं।
कांग्रेस का कहना है कि यह दौरा मणिपुर की जनता के दर्द और संघर्ष के मुकाबले बेहद नाकाफी है। पार्टी ने सरकार से सवाल किया है कि इतनी बड़ी मानवीय त्रासदी के बावजूद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इतने लंबे समय तक मूकदर्शक क्यों बने रहे।
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