New Delhi : भारत की राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू बुधवार को अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगी। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उड़ान भरने वाले पहले नहीं हैं मुर्मू
राष्ट्रपति बनने के बाद विमान में उड़ान भरने की परंपरा नई नहीं है।
- एपीजे अब्दुल कलाम ने 8 जून 2006 को
- प्रतिभा पाटिल ने 25 नवंबर 2009 को
पुणे के लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी।
राफेल की खासियत और भूमिका
राष्ट्रपति भवन ने जानकारी दी कि मुर्मू बुधवार को अंबाला पहुंचेंगी, जहां वे राफेल विमान में उड़ान भरेंगी। राफेल फ्रांस की कंपनी दासौ एविएशन द्वारा निर्मित अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है। इसे सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था।

ऑपरेशन सिंदूर में राफेल की भूमिका
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी राफेल विमानों का इस्तेमाल किया था। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6 से 7 मई के बीच पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, लेकिन भारत ने पलटवार कर कई पाकिस्तानी चौकियों को नष्ट कर दिया। चार दिनों तक चले संघर्ष के बाद 10 मई को भारत ने पाकिस्तान के अनुरोध पर कार्रवाई रोक दी।
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