Muzaffarpur : भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई की सफलता का जश्न बिहार के मुजफ्फरपुर में ज़ोर-शोर से मनाया गया. खास बात यह रही कि इस ऐतिहासिक पल पर हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई समुदाय के लोग एक मंच पर एकत्र होकर देश की एकता और अखंडता का संदेश देते दिखे.
जश्न के दौरान पूरे जोश और उत्साह के साथ “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारे लगाए गए. लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर नाचते-गाते हुए देश की सेना को सलामी दी. सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर कहा, “देश को कोई आंख दिखाएगा तो हम उसकी आंख निकाल लेंगे और हुक्का-पानी बंद कर देंगे.”
‘सिंदूर’ बना देश की अस्मिता का प्रतीक
कार्यक्रम की शुरुआत रात 12 बजे गणेश वंदना के साथ हुई. इस दौरान कमलेश्वर प्रसाद उर्फ केपी पप्पू ने कहा, “हम मुजफ्फरपुर से यह संदेश दे रहे हैं कि अगर किसी ने हमारे सिंदूर को ललकारा, तो हम सब मिलकर उसका जवाब देंगे. पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि भारत की बेटियों के सिंदूर से खेलने की सजा उसे बहुत महंगी पड़ेगी.”
हर धर्म, एक रंग — तिरंगा
इस जश्न में सभी समुदायों के लोग एक साथ होली और दीवाली जैसे त्योहारों की तरह जश्न मनाते दिखे. मुसलमान समुदाय से इम्तियाज अली ने कहा, “देश का हर मुसलमान आज ब्रिगेडियर उस्मान बन गया है. पाकिस्तान की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए हम देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.”
‘घर में घुसकर मारेंगे’ — देश की आवाज
सिख समुदाय से प्रसिमरण सिंह ने कहा, “जिस प्रकार से हमारे वीर जवानों ने आतंकियों के घर में घुसकर कार्रवाई की है, उससे पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी है.” उन्होंने इस दिन को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि “पूरे देश का हर नागरिक आज गर्व महसूस कर रहा है.” मुजफ्फरपुर में मनाया गया यह जश्न न केवल सेना के पराक्रम का सम्मान था, बल्कि यह भारत की धर्मनिरपेक्षता और एकता की मिसाल भी बना.
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