पाईपलाइन योजना शहरवासियों के लिये बना जी का जंजाल, जनप्रतिनिधियों की खामोशी पर उठ रहे सवाल…?

चतरा। मनमाने तरीके से तोड़ी जा रही शहर की सड़कें, लोगों का चलना भी हुआ दूभरवर्षो बाद बनी सड़कों पर भी पड़ी कार्य एजेंसी की गिद्ध नजरें, दोबारा पाईप बिछाने के नाम पर हो रहा भद्दा मजाक गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें, दुर्घटनाओं को कर रहा आमंत्रित छोटी गाड़ियों के परिचालन पर भी आई आफत, पैदल चलना साबित हो रहा सपना काम के बाद गड्ढों में एजेंसी द्वारा नहीं भरे जा रहे मेटेरियल, लोगों में आक्रोश आखिर सबकुछ जानकर भी अंजान क्यूं बना बैठा है नगर परिषद प्रबंधन मंत्री, सांसद, विधायक व नगर परिषद जनप्रतिनिधियों के खामोशी पर भी शहरवासी उठा रहे सवाल…?

शहरवासियों के प्यासे कंठ को भिगोने के उद्देश्य से चतरा में शुरू किया गया शहरी जलापूर्ति पाईप लाइन योजना आज लोगों के लिये जी का जंजाल बन गया है। आम लोगों की सुविधा के लिए पाइपलाइन बिछाने का शुरू हुआ काम लोगों के लिये परेशानी का सबब बन चुका है। स्थिति यह है कि यह योजना लोगों को सहूलियत देने के बजाय जान जोखिम में डालने को विवश कर रहा है। दरअसल राज्य सरकार द्वारा नगर परिषद क्षेत्र के सभी वार्डों में जलापूर्ति को ले पाईप बिछाने का काम किया जा रहा है।

लेकिन कार्य एजेंसी द्वारा सड़क किनारे गड्ढे खोदकर बाइप बिछाने के बजाय बेतरतीब तरीके से सड़कों को ही तोड़ दिया गया है। इतना ही नहीं बीच सड़क को खोदकर पाईप तो बिछा दिया गया। लेकिन उसके बाद गड्ढे को अच्छे से भरा नहीं गया। ऐसे में कार्य एजेंसी की लापरवाही के जख्मों पर मानो चक्रवाती यास ने तो मिर्ची लगा दी हो। शहर के गलियों में तो कीचड़ के कारण लोगों का चलना दूभर हो ही गया। लोग दुर्घटनाओं के चपेट में भी आ रहे हैं। स्थिति यह है कि शहर के गलियारों में भी छोटे-छोटे वाहन दुर्घटनाग्रस्त होने लगे हैं।

आरएस नामक कार्य एजेंसी द्वारा करोड़ो रूपये के लागत से कराए जा रहे जलापूर्ति पाइपलाइन योजना पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सड़क पर काम के बाद मिट्टी भरे नहीं जाने के कारण बड़े-बड़े गड्ढे उग आए हैं। कार्य एजेंसी लापरवाही पर अब शहरवासियों का गुस्सा फूटने लगा है। लोगों ने सांसद, विधायक व नगर परिषद प्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन से कार्य एजेंसी के मनमानी पर नकेल कसने की मांग की है। दरअसल कई ऐसे भी वार्ड हैं जहां पूर्व में पाईप लाइन बिछाया गया था। जिसके बाद नई सड़कें एक-डेढ़ महीने पूर्व ही वर्षों बाद बनी थी।

उन सड़कों को भी कार्य एजेंसी द्वारा जेसीबी व हैमर लगाकर पाईप बिछाने के नाम पर बेतरतीब तोड़ दिया गया है। जिससे शहरवासियों में आक्रोश पनपने लगा है। लोग यह सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर किसके सह पर कार्य एजेंसी द्वारा बेतरतीब तरीके से नई सड़कों तो तोड़ा जा रहा है। इतना ही नहीं आखिर किसके दबाव में जनप्रतिनिधि और अधिकारी खामोश हैं। मनमाना काम करने वाला कार्य एजेंसी क्यूं लोगों के जान से खेल रहा है। लोग अब समस्याओं के निराकरण की मांग को ले एजेंसी कर्मियों को खरी-खोटी सुनाते भी नजर आ रहे हैं। हालांकि एजेंसी के कर्मी टूटे सड़कों को बनाने की बात कह रहे हैं।