Ranchi/Hazaribagh : झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता द्वारा नक्सलियों, स्प्लिंटर गुटों और अपराधियों की कमर तोड़ देने की खुली छूट दिए जाने के बाद से झारखंड पुलिस का मनोबल आसमान पर है। इसी कड़ी में ऑपरेशन चुनापथर के तहत नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना मिलने पर हजारीबाग जिले के गोरहर जंगलों में सर्चिंग पर निकले सुरक्षाबलों ने आज जबर्दस्त कार्रवाई की। मुठभेड़ में पुलिस ने तीन कुख्यात नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में एक करोड़ का इनामी भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य प्रवेश दा उर्फ सहदेव सोरेन, 25 लाख का इनामी सैक सदस्य रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ शिबु मांझी और 10 लाख का इनामी जोनल सदस्य बिरसेन गंझु उर्फ खेलावन गंझु शामिल हैं। सर्च ऑपरेशन के दौरान फोर्स को मौके से तीन एके-47 रायफल, 63 जिंदा कारतूस, छह भरे हुए मैगजीन, तीन मैगजीन पाउच, एक टैब, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, नगद राशि, माओवादी पर्चे, छह सिरिंज/इंजेक्शन, ग्रेनेड के स्प्लिंटर, स्प्रिंग और लीवर समेत कई सामान बरामद हुए, जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
सहदेव सोरेन ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाई और बेटे सहित 20 लोगों की एक सात की थी हत्या
पुलिस के अनुसार मारे गए नक्सलियों में पहला नाम है भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सदस्य प्रवेश दा उर्फ सहदेव सोरेन। उस पर झारखंड सरकार ने एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित किया था। पिछले तीन दशकों से सक्रिय प्रवेश दा बिहार और झारखंड के कई जिलों में नक्सली गतिविधियों का संचालन करता था। उसके दस्ते ने 2007 में गिरिडीह जिले के चिलखारी गांव में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाई मुनुलाल मरांडी और बेटे सहित 20 लोगों की हत्या की थी। इसके अलावा बोकारो, हजारीबाग, जमुई, मुंगेर और लखीसराय जैसे इलाकों में उसने कई पुलिसकर्मियों और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया। सहदेव सोरेन ने…
- 2006, बांका जिला – सेखर थाना पर हमला कर नक्सलियों ने हथियार लूटे।
- गिरिडीह, चिलखारी गाँव – पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाई मुनुलाल मरांडी और उनके बेटे सहित 20 लोगों की हत्या कर दी गई।
- 2008, मुंगेर (ऋषिकुंड पर्यटन स्थल) – नक्सलियों ने हमला कर 4 सैप जवानों को मार डाला और उनके हथियार भी छीन लिए।
- 2004-05, गिरिडीह (पचम्बा) – होमगार्ड कैम्प पर हमला कर 183 रायफल लूट ली गईं।
- 2011, लखीसराय जिला – पुलिस पार्टी पर हमला कर 10 पुलिसकर्मियों की हत्या की गई और करीब 35 हथियार लूट लिए गए।
- 30 नवंबर 2013, मुंगेर – जमालपुर और रतनपुर के बीच इंटरसिटी ट्रेन पर हमला कर 3 सरकारी रेल पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई।
- 10 अप्रैल 2014, मुंगेर (गंगटा) – नक्सलियों ने एम्बुश लगाकर हमला किया, जिसमें 131 बटालियन के 2 जवान शहीद हुए और 9 घायल हो गए।
- 17 सितंबर 2018, जमुई (बरहट) – पुलिस मुखबिरी के शक में एसएसबी जवान सिकंदर यादव को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
- 23 दिसंबर 2021, मुंगेर (अजीमगंज पंचायत) – नव निर्वाचित मुखिया परमानंद टुड्डू की सड़क पर हत्या कर दी गई।
रघुनाथ हेम्ब्रम ने बीएसएफ की गाड़ी में किया था ब्लास्ट, शहीद हो गये थे कई जवान
दूसरा नक्सली रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ शिबु मांझी, संगठन का सैक सदस्य था, जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम था। उसके खिलाफ 58 आपराधिक मामले दर्ज थे। वह 1993 से संगठन में शामिल होकर लगातार विस्फोट, हमले और पुलिसकर्मियों की हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देता रहा। वर्ष 2006 में चाईबासा के किरूबुरू इलाके में उसके दस्ते ने पुलिस गाड़ी को विस्फोट कर उड़ाया था, जिसमें 12 जवान शहीद हुए थे।
1. वर्ष 1998 में आम चुनाव के समय झुमरा पहाड़ पर चुनाव कराने जा रहे बीएसएफ की गाड़ी को विस्फोट कर उड़ाने की घटना जिसमें कई जवान शाहिद हुए ।
2. वर्ष 1998 में बोकारो जिलान्तर्गत ग्राम चतरो चट्टी के पुलिस शिविर को उड़ाने की घटना में शामिल ।
3. वर्ष 1998 में विष्णुगढ़ थाना अंतर्गत गोदनीटांड गांव में मिथलेश सिंह के दस्ता साथ मिलकर 07 (सात) लोगों की हत्या की घटना में शामिल।
4. वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव के समय बहने जंगल थाना विष्णुगढ़ में पुलिस बल की गाड़ी उड़ाने की घटना जिसमें एक पुलिस कर्मी शहीद हुए।
5. दिनांक 01.06.2006 को चाईबासा जिलान्तर्गत किरूबुरू के कालैत गाँव के पास पुलिस गाड़ी को विस्फोट कर उड़ाने की घटना। जिसमें 12 (बारह) पुलिसकर्मी शहीद हुए।
बिरसेन गंझु सुरक्षाबलों के साथ कई दफा कर चुका था मुठभेड़
तीसरा ढेर हुआ नक्सली है बिरसेन गंझु उर्फ खेलावन गंझु, जो संगठन का जोनल सदस्य था और उस पर 10 लाख का इनाम घोषित था। बिरसेन पर 36 से अधिक मामले दर्ज थे। वह कई बड़े मुठभेड़ों में शामिल रहा था और बोकारो, हजारीबाग व गिरिडीह क्षेत्र में सक्रिय था।
1. वर्ष 2015 में सारंडा से वापस आते समय तैमारा घाटी में पुलिस के साथ मुठभेड की घटना में शामिल।
2. 02 जनवरी 2019-20 में राजडेरवा में पुलिस के साथ मुठभेड में शामिल।
3. मार्च-अप्रैल 2019-20 में राजडेरवा में पुलिस के साथ मुतभेड जिसमें एक सीआरपीएफ को गोली लगने से घायल हुआ था।
4. जून-जुलाई 2022 में डाकासहढ़ीम में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल।
5. 24 जनवरी 2022 को धमधख्या में पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल था।
बीते आठ महीने में 29 नक्सलियों का खात्मा
झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ, कोबरा तथा झारखंड जगुआर की संयुक्त टीम ने बीते आठ महीनों से चल रहे अभियान में अब तक कुल 29 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें भाकपा (माओवादी) के 21, टीएसपीसी के 2, जेजेपीएम के 5 और पीएलएफआई का 1 नक्सली शामिल है। इसके अलावा 20 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और 16 को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। सुरक्षा बलों का कहना है कि इन शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने से संगठन को करारा झटका लगा है। लंबे समय से दहशत फैलाने वाले इन खूंखार उग्रवादियों के अंत से स्थानीय लोगों ने भी राहत की सांस ली है। पुलिस का दावा है कि ऑपरेशन चुनापथर आगे भी जारी रहेगा और नक्सलवाद की जड़ पूरी तरह खत्म की जाएगी।
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