राज्य का कोई भी विवि देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की सूची में नहीं, इसे गंभीरता से लें : राज्यपाल 

Ranchi : राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि झारखंड का कोई भी विश्वविद्यालय देश के उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की सूची में नहीं है, हमें इसे गंभीरतापूर्वक लेना होगा एवं उन कारणों एवं विसंगतियों को दूर करना होगा जिसके कारण इनकी उत्कृष्टता में बाधा उत्पन्न हो रही है. शिक्षा के क्षेत्र में नित्य हो रहे बदलाव एवं तकनीकी विशिष्टताओं को भी अंगीकृत करना होगा. साथ ही लक्ष्य निर्धारित करते हुए प्रतिबद्ध होकर दूरदर्शिता एवं समर्पण की भावना के साथ काम करना होगा. राज्यपाल मंगलवार को राजभवन द्वारा “University’s Vision and Strategy Development” विषय पर डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, राँची  में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.  उन्होंने कहा कि अब हमें सिर्फ राष्ट्रीय नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर भी खरा उतरना होगा.

योग्यता के आधार पर ही होगी कुलपति की नियुक्ति

राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने कहा कि राँची विश्वविद्यालय का लगभग 100 एकड़ के कैम्पस में शिफ्ट होना तय हुआ है, संरचना अंतराष्ट्रीय स्तर का होगा और विद्यार्थी भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा कर सकेंगे.  राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार कैंसर के समान होता है. किसी भी शिक्षण संस्थान में विकास के लिए वहाँ भ्रष्टाचारमुक्त वातावरण के साथ-साथ पारदर्शिता के साथ कार्य का होना आवश्यक है. कुलपति की नियुक्ति में सिर्फ योग्यता के आधार पर ही होगी. सभी प्रक्रियाओं को पूर्ण करते हुए नियुक्ति की जायेगी। सारी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जो योग्य होंगे, उनकी नियुक्ति की जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार अन्य जगहों पर कटौती करते हुए छात्रहित में विश्वविद्यालय को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार राशि उपलब्ध कराती हैं ताकि विद्यार्थियों का भविष्य बन सके. यह विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी है कि इन राशि का उपयोग विद्यार्थियों का भविष्य संवारने में करें.

रोडमैप ऐसा बनाएं ताकि यहाँ के विश्वविद्यालय नित्य-नया मुकाम हासिल करे

राज्यपाल ने कार्यशाला में भाग लेने वाले शिक्षाविदों से कहा कि सभी कठिनाइयों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए भविष्य का ऐसा रोडमैप बनाएँ कि उस पर चलकर यहाँ के विश्वविद्यालय नित्य-नया मुकाम हासिल करें तथा उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास हो. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वंचित वर्ग विशेषकर अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति वर्ग के लड़के/लड़कियों की सहभागिता को सुनिश्चित करें. उन्होंने छात्रहित में एकेडमिक कैलेंडर के पालन करने का निर्देश दिया. उन्होंने पिछड़े सुदूरवर्ती क्षेत्रों में तकनीकी संस्थान की स्थापना की बात कही.

कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव एवं प्राध्यापक के द्वारा किए जाने वाले कार्यों का परिणाम दिखे : नितिन मदन

इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा कि राज्यपाल, उच्च शिक्षा में गुणात्मक शिक्षा लाने के लिए सतत प्रयासरत है. शिक्षा सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन है. उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रशासनिक सुधार तथा अनुशासन की बात कही. कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव एवं प्राध्यापकगण के द्वारा किए जाने वाले कार्यों का परिणाम दिखना चाहिए. विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा के साथ रोजगार से जोड़ने के लिए प्रयासरत रहें.

विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को वित्तीय सहायता प्रदान किया जा रहा है: सचिव

इस अवसर पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि विभाग द्वारा विश्वविद्यालय/महाविद्यालय को वित्तीय सहायता प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने वित्तीय अनुशासन पर बल दिया एवं यूजीसी के विभिन्न गाइडलाइन का उल्लेख किया. मंच संचालन एवं आभार व्यक्त राज्यपाल के विशेष कार्य पदाधिकारी (विश्वविद्यालय) डॉ संजीव राय ने किया.