देहरादून: भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर ऋषभ पंत 30 दिसंबर को भीषण सड़क हादसे का शिकार हो गए. इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. उनका कहना है कि सड़क के गड्ढे से कार को बचाने के चक्कर में उनकी गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई. उन्होंने यह बात दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (DDCA) के डायरेक्टर श्याम शर्मा से कही.
शर्मा ने शनिवार को उनसे देहरादून के अस्पताल में मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि ऋषभ पंत की हालत स्थिर है और उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. बीसीसीआई के डॉक्टर यहां के डॉक्टरों के संपर्क में हैं. जय शाह भी इस मामले पर नजर रखे हुए हैं. फिलहाल, ऋषभ पंत इसी अस्पताल में भर्ती रहेंगे. उन्होंने कहा, ऋषभ ने बताया है कि वह कार को गड्ढे से बचाने की कोशिश कर रहे थे और हादसा हो गया.
पंत को ठीक होने में लग सकते हैं 9 महीने
दूसरी ओर, फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि ‘घुटने में चार लिगामेंट होते हैं. ऋषभ पंत को ACL लिगामेंट में इंजरी हुई है, यानी वे कोई भाग दौड़ वाला काम नहीं कर सकते. इसे लिगामेंट को पूरी तरह से ठीक होने में नौ महीने से ज्यादा का समय लगता है. ऐसे में पंत को भी पूरी तरह से फिट होकर मैदान पर उतरने में नौ महीने से एक साल का समय लग सकता है.’
इस तरह हुआ हादसा
गौरतलब है कि ऋषभ पंत 30 दिसंबर को सुबह करीब 5.15 बजे दिल्ली से अपने घर रुड़की जा रहे थे. इस बीच हाईवे पर रेलिंग से टकराने के बाद उनकी गाड़ी में आग लग गई थी. ऋषभ खुद कार की विंड स्क्रीन तोड़कर बाहर निकले. घटना के समय हरियाणा रोडवेज की बस वहां से गुजर रही थी. ड्राइवर सुशील कुमार ने साथियों के साथ मिलकर ना सिर्फ पंत को घायल होने के बाद रजाई दी, बल्कि पुलिस और एंबुलेंस को भी कॉल किया. इसके चलते समय पर भारतीय क्रिकेटर का इलाज हो सका.
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