US : अमेरिका में पढ़ने का सपना देख रहे भारतीय छात्रों के लिए अब एक नया नियम सामने आया है. अमेरिकी दूतावास ने बड़ा बदलाव करते हुए सभी स्टूडेंट वीजा (F, M, J कैटेगरी) आवेदकों के लिए निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि उन्हें अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल को ‘पब्लिक’ करना होगा, ताकि वीजा प्रक्रिया के दौरान उनका डिजिटल सत्यापन किया जा सके. अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में यह जानकारी साझा की.
पोस्ट के अनुसार, “जो भी छात्र F, M या J वीज़ा के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्राइवेसी सेटिंग को पब्लिक करना होगा, जिससे अमेरिकी कानूनों के अनुसार उनकी पहचान और पात्रता की जांच की जा सके.”
Effective immediately, all individuals applying for an F, M, or J nonimmigrant visa are requested to adjust the privacy settings on all of their social media accounts to public to facilitate vetting necessary to establish their identity and admissibility to the United States… pic.twitter.com/xotcfc3Qdo
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) June 23, 2025
सोशल मीडिया से होगी कड़ी जांच
नए नियम के तहत वीजा अधिकारियों द्वारा आवेदकों की फेसबुक, X, लिंक्डइन, टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद गतिविधियों की गहराई से जांच की जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि वे यह देखेंगे कि कोई व्यक्ति अमेरिकी सरकार, संस्थानों, संस्कृति या सिद्धांतों के खिलाफ तो नहीं है.
अधिकारियों के अनुसार, यह कदम अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और वीजा प्रक्रिया की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. इससे पहले भी, 2019 में वीजा आवेदकों से उनके सोशल मीडिया हैंडल मांगे जाने लगे थे, लेकिन अब उन्हें पब्लिक करना अनिवार्य किया गया है.
क्या हैं F, M और J वीज़ा?
F वीजा: यूनिवर्सिटी या कॉलेज जैसे शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई के लिए.
M वीजा: तकनीकी या वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए.
J वीजा: शैक्षणिक और सांस्कृतिक एक्सचेंज प्रोग्राम्स के लिए.
वीजा प्रोसेस फिर से शुरू
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका ने छात्रों के वीजा प्रोसेस को फिर से शुरू किया है. कोरोना और प्रशासनिक बदलावों के चलते कुछ समय के लिए वीज़ा इंटरव्यू रुके हुए थे. ट्रंप प्रशासन के वापस आने के बाद यह फैसला लिया गया कि वीज़ा प्रक्रिया को सख्त किया जाए, जिससे फर्जी आवेदकों को रोका जा सके.
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को डिजिटल निगरानी के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है. इसका सीधा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जो अमेरिका में पढ़ाई के लिए जाना चाहते हैं. अब उन्हें न केवल शैक्षणिक योग्यता, बल्कि अपने सोशल मीडिया व्यवहार का भी ध्यान रखना होगा.
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