New Delhi : NCERT ने कक्षा 6 से 8 और 9 से 12 के छात्रों के लिए दो नए सप्लीमेंट्री मॉड्यूल जारी किए हैं, जो नियमित पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन विशेष विषयों को समझाने के लिए तैयार किए गए हैं। ये मॉड्यूल भारत के बंटवारे की त्रासदी और मुगल शासन की नई व्याख्या पर केंद्रित हैं।
बंटवारे की ‘विभीषिका’ पर खास फोकस
नए मॉड्यूल में बताया गया है कि मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के बंटवारे की मांग की, कांग्रेस पार्टी ने इसे स्वीकार किया और लॉर्ड माउंटबेटन ने इसे लागू किया। इसे “विभाजन के दोषी” टॉपिक के तहत प्रस्तुत किया गया है। इसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू के एक ऐतिहासिक भाषण का अंश भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश को विभाजन या फिर लगातार संघर्ष और अराजकता में से किसी एक को चुनना पड़ा।
कश्मीर और आतंकवाद का भी उल्लेख
मॉड्यूल में कहा गया है कि 1947 से 1950 के बीच विभाजन ने न केवल भारत की एकता को प्रभावित किया, बल्कि पंजाब और बंगाल की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और जनसंख्या असंतुलन उत्पन्न हुआ, जो बाद में आतंकवाद का कारण बना।

PM मोदी के बयान को भी मिली जगह
मॉड्यूल की प्रस्तावना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान को जोड़ा गया है जिसमें उन्होंने कहा था, “बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। लाखों लोग विस्थापित हुए और कई की जानें गईं।” साथ ही, उन्होंने 14 अगस्त को “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस” के रूप में मनाने की बात कही थी।
मुगल शासन की नई व्याख्या भी शामिल
NCERT की कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान की किताब में मुगल शासकों के धार्मिक निर्णयों, सांस्कृतिक योगदान और क्रूरता की समीक्षा की गई है। इस नई व्याख्या में बनारस, मथुरा और सोमनाथ के मंदिरों को तोड़ने और जैन, सिख, सूफी व पारसी समुदायों पर अत्याचारों का उल्लेख किया गया है।
NCERT का बयान
NCERT अधिकारियों का कहना है कि इतिहास की सच्चाई को जानना जरूरी है। किसी को दोष देना उद्देश्य नहीं है, बल्कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि गलत फैसलों और लालसा के कारण क्या हुआ, ताकि भविष्य में वैसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
Also Read : घाटशिला में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को दी गई श्रद्धांजलि…