Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    1 Aug, 2025 ♦ 4:50 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»झारखंड»नवरात्रि विशेष : देवघर में रावण को मानते हैं राजा, दशहरा पर नहीं जलाते पुतले
    झारखंड

    नवरात्रि विशेष : देवघर में रावण को मानते हैं राजा, दशहरा पर नहीं जलाते पुतले

    SinghBy SinghOctober 9, 2024No Comments3 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    राकेश

    देवघर : दशहरा पर पूरे देश में रावण का पुतला जलाने की परंपरा है. लेकिन देवघर (बैद्यनाथधाम) में रावण का पुतला नहीं जलता है. यहां रावण को राजा माना जाता है और सालों भर उनकी पूजा होती है. बाबा बैद्यनाथ की पूजा से पहले लोग रावण की स्तुति करते हैं. रावण आज भी देवघर की संस्कृति में रचे-बसे हैं. तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों में त्रिपुंड लगाने की परंपरा हो या फिर शिवगंगा और हरिलाजोड़ी से जुड़ी रावण की कथाएं, सब में राक्षस राज आज भी विद्यमान हैं, ऐसी मान्यता है. बैद्यनाथ मंदिर के तत्कालीन सरदार पंडा भवप्रीता नंद ओझा ने तो रावण का गुणगान करते हुए देवरिया भाषा में झूमर की भी रचना की थी. देवघरवासी मानते हैं कि रावण के कारण ही बैद्यनाथधाम में बाबा वैद्यनाथ की स्थापना हुई, इस कारण लोग रावण के सकारात्मक रूप को पूजते हैं. भवप्रीतानंद के झूमर में उल्लेख है- धन्य धन्य रावण राजा… करे छी तोरो पूजा… पारसमणि आनी देल्हन हाथ बाबा भोलानाथ… देघरै विराजे गौरा साथ… (धन्य- धन्य है रावण राजा,  आपकी पूजा करते हैं. पारसमणि के रूप में आपने बाबा बैद्यनाथ को देवघर लाकर हमलोगों के हाथ में दिया, जिससे हमलोगों की जीविका चलती है).

    बाबा बैद्यनाथ से पहले रावण का नाम लेते हैं श्रद्धालु

    बाबा बैद्यनाथ से पहले देवघर में महापंडित रावण का नाम लिया जाता है. गंगाजल लेकर हर साल देवघर पहुंचने वाले लाखों शिव भक्त जब बैद्यनाथधाम पहुंच कर अपने कांवर के गंगा जल का संकल्प कराते हैं तो कहते हैं- श्रीश्री 108 रावणेश्वर बैद्यनाथ. इसके वाद संकल्प के लिए मंत्र पढ़ते हैं.

    रावण के सकारात्मक रूप की पूजा

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

     

    पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री पंडित दुर्लभ मिश्र कहते हैं- देवघर में रावण के सकारात्मक रूप की पूजा होती है. महापंडित, ऋषि संतान रावण के कारण ही आज देवघर का अस्तित्व है. इसलिए देवघर सहित आसपास के इलाके में दशहरा पर रावण का पुतला नहीं जलता है.

    बाबा बैद्यनाथ की स्थापना से जुड़ी कथा

    एक बार राक्षसराज रावण ने हिमालय पर जाकर शिवजी की प्रसन्नता के लिये घोर तपस्या की और अपने सिर काट-काटकर शिवलिंग पर चढ़ाने शुरू कर दिये. एक-एक करके नौ सिर चढ़ाने के बाद दसवां सिर भी काटने को ही थे कि शिवजी प्रसन्न होकर प्रकट हो गये. उन्होंने उसके दसों सिर ज्यों-के- त्यों कर दिये और उसे वरदान मांगने को कहा. रावण ने लंका में जाकर उस लिंग को स्थापित करने के लिए उसे ले जाने की आज्ञा मांगी. शिवजी ने अनुमति तो दे दी, पर इस चेतावनी के साथ दी कि यदि मार्ग में इसे पृथ्वी पर रख देगा तो वह वहीं अचल हो जाएगा. रावण शिवलिंग लेकर चला पर मार्ग में एक चिता भूमि (श्मशान) आने पर उसे लघुशंका निवृति की आवश्यकता हुई. रावण उस लिंग को एक चरवाहे को थमा लघुशंका-निवृत्ति करने चला गया. इधर उस चरवाहे ने शिवलिंग को बहुत अधिक भारी अनुभव कर भूमि पर रख दिया. फिर क्या था, लौटने पर रावण पूरी शक्ति लगाकर भी शिवलिंग को नहीं उठा सका और निराश होकर उस पर अपना अंगूठा गड़ाकर लंका को चला गया. इधर ब्रह्मा, विष्णु आदि देवताओं ने आकर उस शिवलिंग की पूजा की. शिवजी का दर्शन होते ही सभी देवी-देवताओं ने शिवलिंग की वहीं उसी स्थान पर प्रतिस्थापना कर दी और शिव स्तुति करते हुए वापस स्वर्ग को चले गये. जहां शिवलिंग की स्थापना हुई, वही आज का बैद्यनाथधाम है.

    baidyanath Baidyanathdham Deoghar Dharmarakshini Sabha Dussehra folk beliefs Gangajal Ghor Tapasya Jharkhand Latest News Jharkhand news Jharkhand Today News Jharkhand Update News Jhumra Johar Live Lanka Mahapandit Navratri 2024 Pilgrim priests Positive Form Puja Putla Rakshasa Ravana Ravanaswar Shiva Bhakt Shivling Shraddhalu Story Thumb Today News tradition Tripund अंगूठा कथा गंगाजल घोर तपस्या जोहार लाइव झारखंड अपडेट न्यूज झारखंड टूडे न्यूज झारखंड न्यूज झारखंड लेटेस्ट न्यूज झूमर टूडे न्यूज तीर्थ पुरोहित त्रिपुंड दशहरा देवघर धर्मरक्षिणी सभा परंपरा पुतला पूजा बैद्यनाथ बैद्यनाथधाम महापंडित राक्षस रावण रावणेश्वर लंका लोक मान्यता शिव भक्त शिवलिंग श्रद्धालु सकारात्मक रूप
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous Articleनिमिया के डाढ़ मईया झूलेली झुलनवा…, पवन सिंह के गानों पर झूमी रांची
    Next Article डेढ़ करोड़ से देवघर में बना संताल परगना का सबसे बड़ा पंडाल, सुनील खवाड़े ने किया उद्घाटन

    Related Posts

    जामताड़ा

    सीएसपी लूट में शामिल दो अपराधी गिरफ्तार, देसी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद

    July 31, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में की शिरकत, मेधावी छात्रों को दिये मेडल और डिग्री

    July 31, 2025
    जोहार ब्रेकिंग

    मतदान केंद्रों के मैप में सेक्शन बनाना अनिवार्य : के रवि कुमार

    July 31, 2025
    Latest Posts

    सीएसपी लूट में शामिल दो अपराधी गिरफ्तार, देसी कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद

    July 31, 2025

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देवघर एम्स के पहले दीक्षांत समारोह में की शिरकत, मेधावी छात्रों को दिये मेडल और डिग्री

    July 31, 2025

    मतदान केंद्रों के मैप में सेक्शन बनाना अनिवार्य : के रवि कुमार

    July 31, 2025

    फंदे पर लटकी मिली विवाहिता, पति गया था मजदूरी करने

    July 31, 2025

    गिरिडीह में तीन बाइक चोर गिरफ्तार, चोरी की 16 गाड़ियां बरामद

    July 31, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.