Muzaffarpur : उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी माने जाने वाला मुजफ्फरपुर अब देशभर में प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए एक सॉफ्ट रूट के रूप में उभरता जा रहा है। केंद्रीय एजेंसियों की हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक प्रतिबंधित नशीले पदार्थों, हथियारों, विदेशी सोने और महंगी वस्तुओं की खेप मुजफ्फरपुर के रास्ते गुजर रही है।
एजेंसियों ने किया अलर्ट जारी
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक केंद्रीय एजेंसी ने उत्तर बिहार के सभी जिलों की पुलिस इकाइयों को अलर्ट कर दिया है। नेपाल और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे जिलों में पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। सशस्त्र सीमा बल (SSB) को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सड़क और रेल मार्ग बना तस्करों का आसान रास्ता
सूत्रों के अनुसार, सिर्फ सड़क मार्ग ही नहीं, रेल मार्ग से भी प्रतिबंधित सामग्री जैसे शराब, गांजा, अफीम, हथियार, विदेशी सोना और नशीले पदार्थ आसानी से मुजफ्फरपुर पहुंचाए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर में इन सामग्रियों को ठिकाने लगाने का नेटवर्क इतना मजबूत हो गया है कि तस्करों तक पहुंचना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है।
हाल की बड़ी जब्तियां
- 5 मई 2025 : DRI ने 18 करोड़ रुपये मूल्य का विदेशी सोना जब्त किया।
- 9 जनवरी 2025 : मैठी टोल प्लाजा पर 80 लाख की विदेशी सिगरेट पकड़ी गई।
- हर महीने शराब, गांजा और अफीम की 6-7 बड़ी जब्तियां हो रही हैं।
मुजफ्फरपुर जंक्शन : तस्करी का नया गढ़
रेलवे स्टेशन के माध्यम से चल रही तस्करी भी चिंताजनक है। राजधानी एक्सप्रेस, इंटरसिटी और अन्य ट्रेनों से AK-47, कोकीन, हेरोइन, गांजा और विदेशी सुपाड़ी तक बरामद की गई है। 2024 से अब तक रेलवे स्टेशन से कई दर्जन कैरियर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। रेल थाना प्रभारी रंजीत कुमार और RPF इंस्पेक्टर मनीष कुमार के अनुसार Quick Reaction Team (QRT) का गठन कर ट्रेनों, प्लेटफॉर्मों और संदिग्ध रूटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
जनवरी 2024 से अब तक के आंकड़े :
- 203 शराब तस्करी के मामले दर्ज
- 150 से अधिक तस्कर गिरफ्तार, जिनमें एक दर्जन से अधिक महिलाएं शामिल
- गांजा, हेरोइन और विदेशी सोने की कई बड़ी जब्तियां
- मानव तस्करी के भी मामले सामने आए
जागरूकता के बावजूद हालात गंभीर
रेल और सड़क किनारे बसे गांवों में जागरूकता अभियान चलाए गए, जिसमें लोगों को पटरियों पर जानवर छोड़ने से रोकने और तस्करी से दूर रहने की अपील की गई। लेकिन इसके बावजूद तस्करी की घटनाओं में कोई खास गिरावट नहीं आई है, जो प्रशासन के लिए बड़ी चिंता का विषय है।
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