Ranchi : झारखंड में स्वच्छ ऊर्जा और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा के तहत बायोगैस प्लांट लगाने की पहल शुरू की गई है। पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल रांची और खूंटी जिलों में आरंभ हुआ है, जहाँ अब तक 10 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं।
परियोजना के तहत गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र तैयार किए जा रहे हैं, जो ग्रामीण घरों में रसोई के चूल्हों को ऊर्जा प्रदान करेंगे। इससे रसोई गैस पर निर्भरता कम होगी और गोबर का प्रभावी उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद पूरे राज्य में लगभग 50,000 बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाने का लक्ष्य है। इस योजना से ग्रामीणों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और अवशिष्ट पदार्थ का उपयोग जैविक खाद के रूप में खेती में किया जा सकेगा।

सरकार का मानना है कि यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में झारखंड को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

