Patna : बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के SIR को लेकर राजनीतिक विवाद चरम पर पहुंच गया है। विपक्षी दलों, विशेष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस, ने इस प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे गरीब व कमजोर वर्गों के मताधिकार को छीनने की साजिश करार दिया है। दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि RJD चाहती है कि “मृत्यु लोक से मरे हुए लोग आकर वोट करें।”
चुनाव आयोग के SIR के विरोध का असल कारण इस तरह का फर्जीवाड़ा है ….
RJD,कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि जिनकी मृत्यु हो चुकी है वो मृत्यु लोक से आकर बिहार चुनाव में पूर्व की भांति वोट करे।
अब आप ही बताईए ऐसा ड्रामा कब तक चलेगा।@RJDforIndia @INCIndia @BJP4India… pic.twitter.com/76S2dGQLAZ— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 27, 2025
जीतन राम मांझी का तंज
केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी ने विपक्ष के विरोध पर चुटकी लेते हुए एक्स पर एक वीडियो शेयर किया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग के SIR के विरोध का असल कारण इस तरह का फर्जीवाड़ा है…. RJD,कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि जिनकी मृत्यु हो चुकी है वो मृत्यु लोक से आकर बिहार चुनाव में पूर्व की भांति वोट करे। अब आप ही बताईए ऐसा ड्रामा कब तक चलेगा।
चुनाव आयोग का दावा : 65.2 लाख नाम हटाने की तैयारी
चुनाव आयोग ने बताया कि SIR का पहला चरण 24 जून से 26 जुलाई तक पूरा हो चुका है। इस दौरान 12 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों, नगर निकाय कर्मियों और अन्य लोगों का सहयोग लिया गया। आयोग के अनुसार, बीएलओ और बीएलए की रिपोर्ट के आधार पर 65.2 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने हैं। इनमें 18.7 लाख मृत घोषित, 26 लाख से अधिक स्थायी रूप से स्थानांतरित, और 7.5 लाख कई स्थानों पर दर्ज मतदाता शामिल हैं।
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