झारखंड विधानसभा मानसून सत्रः प्रश्नकाल में विधायकों ने सदन में उठाए कई मुद्दे

रांची। झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सदन की कार्यवाही के आरंभ होने के बाद प्रश्नकाल के शुरू होते ही बीजेपी विधायक वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे। स्पीकर ने उन्हें शांत रहने और अपने-अपने जगहों पर बैठने के आदेश दिए लेकिन विधायक हंगामा करते रहे। प्रश्नकाल के दौरान विधायको ने अपने कई मुद्दों को सदन में उठाया। खिजरी से कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने बालू उठाओ को लेकर जनोन्मुखी नीति बनाने का मामला सदन में उठाया।

जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने समता न्यायदेश को लागू करने का मामला उठाया। लोबिन हेंब्रम के सवालों के जबाव देते हुए मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा सरकार इस ओर कदम बढ़ा रही है और नियमवाली बनाई जा रही है। वहीं मंत्री के जवाब पर आपत्ति जताते हुए लोबिन हेंब्रम ने कहा मंत्री सदन को गुमराह कर रहे है। उन्होंने सरकार के जवाब को चुनौती भी दी।

विधायक लोबिन हेंब्रम के सवालों का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि ग्राम सभा के माध्यम से ही काम हो रहा है। वहीं बीजेपी विधायकों द्वारा राज्य को सूखाड़ग्रस्त घोषित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि विगत दिनों झारखंड में सूखाड़ का रिपोर्ट राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को दो बार भेजा है लेकिन केंद्र सरकार ने एक बार भी पैसा नहीं दिया है।

विधायक लोबिन हेंब्रम के सवालों पर विधायक दीपक बिरुवा ने पूरक के माध्यम से पेशा कानून को लागू करने कि मांग की रखी। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा की शक्ति खत्म हो चुकी है। उन्होंने समता जजमेंट लागू करने की भी बात कही।

प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल ने स्पीकर को धृतराष्ट्र बताया साथ ही उन्होंने कहा वे आंख में पट्टी बांध लें। बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सदन में जारी गतिरोध के कारण गिनाए। सीपी सिंह ने कार्यमंत्रणा की बैठक नहीं होने पर आपत्ति भी जताई, उन्होंने स्पीकर कहा कहा कि वे सदन में सबको शांत कराएं, संतुष्ट कराएं, और कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह तय कराए कि सदन के अंदर किन मुद्दों पर बहस होनी चाहिए।