झारखंड उच्च न्यायालय ने कहा, सुरेंद्र बंगाली की क्षमादान याचिका पर राज्य सरकार शीघ्र निर्णय ले

Joharlive Team

रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने 18 वर्षों से जेल में बंद अपराधी सरगना रहे सुरेंद्र बंगाली की क्षमादान (रिमिशन) याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश राज्य सरकार की सजा पुनरीक्षण परिषद को दिया है।
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एके गुप्ता की पीठ में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सुरेंद्र सिंह बंगाली को रिमिशन (क्षमा) का लाभ देने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

अदालत ने उसके आवेदन पर राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद को शीघ्र निर्णय लेने का आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने कहा कि जिला न्यायालय से रिकॉर्ड नहीं मिलने के कारण कैदी की समय पूर्व रिहाई पर विचार नहीं किया गया, जो उचित नहीं है। पीठ ने कहा कि सरकार की नीति के अनुसार वादी को भी उचित होने पर क्षमा का लाभ दिया जाना चाहिए।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता ने बताया कि सुरेंद्र बंगाली को निचली अदालत ने वर्ष 2002 में दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एक मामले में 17 साल और दूसरे मामले में 18 साल की सजा पूरी हो चुकी है। जब वादी को सजा मिली थी उस दौरान क्षमा की नीति लागू थी। इसलिए उसे भी इस नीति का लाभ मिलना चाहिए।