Ranchi: शोर और दृश्य प्रदूषण पर सख्ती करते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य भर में प्रेशर हॉर्न, मल्टी-टोन हॉर्न, फ्लैग रॉड और अवैध लाइट्स लगे वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, ध्वनि प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम और भारतीय ध्वज संहिता के अनुपालन को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया।
मुख्य निर्देश:
प्रेशर हॉर्न और मल्टी-टोन हॉर्न लगे वाहनों पर पूरी तरह से रोक।
गैर-आपातकालीन वाहनों पर लगी लाल और नीली लाइटें तुरंत हटाई जाएं।
राजनीतिक या धार्मिक झंडों और फ्लैग रॉड का अवैध उपयोग रोका जाए।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक बिना अनुमति के लाउडस्पीकर के प्रयोग पर सख्ती हो।
कोर्ट ने कहा कि झारखंड राज्य में अब प्रेशर और मल्टी-टोन हॉर्न का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। अवैध इमरजेंसी लाइट्स वाले वाहनों की पहचान कर उनके उपकरण तुरंत हटाए जाएं।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि झंडों और फ्लैग रॉड का अनुचित उपयोग ध्वज संहिता का उल्लंघन है और प्रशासन को इस पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी।
पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि वे इन आदेशों के पालन का व्यक्तिगत हलफनामा 11 अगस्त से पहले दाखिल करें।