बकरीद पर आईएसआई रच रही भारत पर अफगानी अटैक की साजिश, अलर्ट

JoharLive Desk

नई दिल्ली : देश में एक बार फिर आतंकी हमले की चेतावनी खुफिया एजेंसियों ने दी है। आईएसआई ने 15 अगस्त से पहले आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर लश्कर और जैश के आतंकी बड़े हमले की साजिश में जुटे हैं। खुफिया एजेंसियों की सूचना मिलने के बाद बकरीद को देखते हुए भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। संवेदनशील जगहों पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गयी है। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक-एक जगहों पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

नई दिल्ली : देश में एक बार फिर आतंकी हमले की चेतावनी खुफिया एजेंसियों ने दी है। आईएसआई ने 15 अगस्त से पहले आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर लश्कर और जैश के आतंकी बड़े हमले की साजिश में जुटे हैं। खुफिया एजेंसियों की सूचना मिलने के बाद बकरीद को देखते हुए भी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी है। संवेदनशील जगहों पर पुलिस की गश्त बढ़ा दी गयी है। वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक-एक जगहों पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक हमले को अंजाम देने के लिए अफगानिस्तान के नागरिकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक दूसरे इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक आतंकी संगठन आईएसआई के भारत में मौजूद समर्थकों के जरिये बड़े पैमाने पर हमले की साजिश रच रहा है। सूत्रों के मुताबिक बकरीद की नमाज के दौरान हमले हो सकते हैं साथ ही 15 अगस्त से पहले आतंकियों के निशाने पर बड़े सरकारी प्रतिष्ठान हैं। इसके के अलावा ट्रांसपोर्ट नेटवर्क जैसे रेलवे, बस, मेट्रो और एयरपोर्ट भी आतंकियों के निशाने पर है।

जम्मू और कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद पीओके में करीब दर्जन भर आतंकी शिविर सक्रिय हो गए हैं। आईएएनएस के मुताबिक, इस्लामाबाद ने पीओके और जम्मू-कश्मीर से लगती सीमा पर दर्जन भर आतंकी शिविर सक्रिय कर दिए हैं।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से आतंकी शिविरों में पिछले हफ्ते काफी ज्यादा गतिविधियां देखी गई थीं। शीर्ष खुफिया सूत्रों ने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे पीओके क्षेत्र के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में आतंकी शिविर प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के सहयोग से दोबारा सक्रिय हो गए हैं जिसे देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में बयान दिया था कि भारत में अब अगर पुलवामा जैसा हमला होता है तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा। इमरान खान के बयान में प्रत्यक्ष तौर पर जैश-ए-मोहम्मद, और लश्कर-ए-तैयबा और करक के हैंडलर्स को प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड दोबारा सक्रिय करने के लिए खुली छूट दी गई है।

आईएएनएस की मानें तो खुफिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि जेईएम, एलईटी और तालिबान के लगभग 150 सदस्य कथित तौर पर कोटली के निकट फागूश और कुंड शिविरों तथा मुजफ्फराबाद क्षेत्र में शवाई नल्लाह और अब्दुल्लाह बिन मसूद शिविरों में इकट्ठे हुए हैं। जेईएम प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अतहर भी पीओके क्षेत्र में देखा गया है।

रक्षा मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इस समय घाटी में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक अरविंद कुमार, जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। एनएसए ने जम्मू और कश्मीर पर सरकार के साहसिक निर्णयों के बाद सुरक्षा रणनीति तथा सीमा पार से आतंकी खतरों पर चर्चा की।