सब जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में झारखंड की चंचला का मुकाबला आज, नाकआउट चरण का पहला मुकाबला तुर्की से

रांची. सब जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के दो दिवसीय मुकाबले गुरुवार से शुरू होने जा रहे हैं. हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित इस चैंपियनशिप में देश की पदक की एक बड़ी उम्मीद झारखंड की रेसलर चंचला कुमारी से है. गुरुवार को हंगरी में चंचला कुमारी के कुल तीन मुकाबले हैं. पहले मुकाबले में चंचला तुर्की के रेसलर से भिड़ेगी. तुर्की से जीतने की स्थिति में उसका मुकाबला यूक्रेन और उजबेकिस्तान के विजेता से होगा. चंचला अगर इस मैच में भी जीत जाती है तो फिर उसका मुकाबला कजाकिस्तान और अमेरिका के मैच विजेता से होगा. रांची की चुस्त और फुर्तीली चंचला अगर ये तीनों मुकाबले जीत लेती है तो वह सीधे फाइनल में पहुंच जाएगी. जिसके बाद अगले ही दिन शुक्रवार 23 जुलाई को सब जूनियर विश्व कुश्ती चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा.

चंचला के साथ हंगरी गये अंतर्राष्ट्रीय कोच बबलू कुमार ने बताया कि चैंपियनशिप में चंचला की दावेदारी पूरी है. उम्मीद है कि चंचला मैच दर मैच बेहतर प्रदर्शन करती जाएगी. उन्होंने बताया कि इतने बड़े टूर्नामेंट में फिटनेस और फुर्ती के साथ माइंड गेम भी जबरदस्त होगा. उन्होंने कहा कि चंचला व्यवहार में जितनी शांत है. रिंग में उतनी ही ज्यादा फुर्तीली है.

पदक की उम्मीद.

झारखंड कुश्ती संघ के अध्यक्ष और कोच भोलानाथ सिंह ने बताया कि उन्हें चंचला से पदक की पूरी उम्मीद है. क्योंकि चंचला कुश्ती के हर पैतरे को बेहतर समझती है. उन्होंने बताया कि खेलगांव में चंचला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी गयी थी. जिसका असर हंगरी में दिखेगा. हंगरी रवाना होने से पहले चंचला को रांची के खेलगांव में उच्चस्तर का प्रशिक्षण दिया गया था. जहां उसे अंतर्राष्ट्रीय मैचों के लिए पूरी तरह से तैयार किया गया था. चंचला को खेलगांव में प्रशिक्षण देने वाले कोच राजीव रंजन उर्फ भीम और मधु तिर्की को भी भरोसा है कि चंचला पदक लेकर ही अपने देश लौटेगी. बता दें कि चंचला रांची के ओरमांझी की रहनेवाली है.