झारखंड: दो सीटों पर उपचुनाव में जेडीयू ने बीजेपी से की एक सीट की मांग, जानें क्या मिला जवाब

Joharlive Team

रांची। झारखंड में दो विधानसभा के लिए उपचुनाव होना है। दुमका और बेरमो विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए झारखंड जेडीयू ने बीजेपी से एक सीट की मांग की है। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मु ने कहा कि झारखंड में जेडीयू, बीजेपी के साथ मिलकर उपचुनाव लड़ना चाहती है। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष अपने मांग वाली प्रस्ताव को आगे बढाने की बात कर रहे हैं।

जेडीयू बीजेपी से यह आश्वासन चाहती है कि वह दुमका या बेरमो विधानसभा में से किसी एक सीट पर उनको उम्मीदवारी का मौका दे। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि NDA के झारखंड में पुनर्गठन से बिहार में भी बीजेपी को लाभ मिलेगा।

झारखंड जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बीजेपी से उपचुनाव में एक सीट मांगने पर झारखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने उन्हें सलाह दिया कि बेहतर होगा हमलोग आपस मे बैठ कर बात करें। उन्होंने कहा कि दोनों जगहों पर बीजेपी का पुराना जनाधार है। उन्होंने कहा कि दुमका हम कई बार जीते हैं, वहां से हमारे सांसद हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बेरमो में अभी कांग्रेस जीती है। इससे पहले बीजेपी वहां चुनाव जीती है। जनाधार और नेतृत्व के आधार पर बीजेपी का मजबूत आधार हैं। चुनाव की बीजेपी ने पहले से तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व बैठ कर इस तरह के चीजों पर निर्णय लेती है।

इस मसले पर बीजेपी और एजेएसयू विधानसभा चुनाव के बाद राज्यसभा चुनाव से पहले एक मंच पर आए हैं। जेडीयू की मांग पर एजेएसयू के प्रमुख प्रवक्ता देवशरण भगत ने कहा कि राज्य में दो सीटों पर उपचुनाव होना है। एजेएसयू इसको लेकर केंद्रीय कार्यसमिति में निर्णय लेगी। एजेएसयू प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी ने दोनों जगह अपने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर से संगठन की तैयारी के निर्देश दिए हैं।

झारखंड में होने वाले उपचुनाव में बीजेपी से जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष द्वारा एक सीट की मांग पर जेएमएम कोटे के मंत्री मिथलेश ठाकुर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, बिना आलाकमान के इशारे के जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष इस तरह की मांग नहीं कर सकते हैं। जब तक की हरी झंडी न मिली हो। इसके पीछे का मकसद नीतीश कुमार का हो सकता है, किस तरह बीजेपी से पीछा छुड़ाएं।

उन्होंने कहा कि ये गठबंधन शुरू से ही मजबूरी का गठबंधन था और है। मुझे लगता है इस विधानसभा चुनाव तक ये गठबंधन बरकरार नहीं रह पाएगा।