रांची: देश को ब्लैक आउट के खतरे से बचाने के लिए एक्शन में कोयला मंत्री, खदान-खदान घूमकर ले रहे हैं जायजा

रांची: झारखंड सहित पूरे देश में कोयले की कमी की वजह से बिजली संकट को लेकर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी छत्तीसगढ़ के बाद सीधे रांची पहुंचे. रांची पहुंचने के बाद उन्होंने ओपन कास्ट कोल माइंस पिपरवार का निरीक्षण किया और फिर रांची के दरभंगा हाउस स्थित सीसीएल मुख्यालय में अधिकारियों के साथ अहम बैठक की.

बारिश की वजह से कोयला उत्पादन पर पड़ा असर

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सीसीएल, बीसीएल और ईसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक कर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि देश में कोयले के उत्पादन को बढ़ाया जाए ताकि हमें बाहर के देशों से कोयला लेने की आवश्यकता न पड़े. उन्होंने बारिश के मौसम में आ रही परेशानियों को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा कर कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस बार सबसे अधिक बारिश हुई है जिससे कोयला उत्पादन पर असर पड़ा है. इसीलिए आने वाले समय में यह भी ध्यान रखा जाए कि बारिश के मौसम में ऐसी व्यवस्था की जाए कि कोयला के उत्पादन पर बारिश का असर न पड़े. आगामी त्योहारों के मौसम कोयले के उत्पादन पर असर न पड़े इसको लेकर भी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए.

कोयले का बढ़ेगा उत्पादन

केंद्रीय मंत्री ने झारखंड आने के बाद राज्य और देश के लोगों को आश्वस्त किया कि किसी भी थर्मल पावर में कोयले की वजह से बिजली संकट की समस्या उत्पन्न नहीं होगी. केंद्र सरकार इसको लेकर गंभीर है. आने वाले समय में आत्मनिर्भर भारत को मजबूत करने के लिए देश के अंदर कोयले के उत्पादन को बढ़ाने पर बड़े स्तर से कार्य किया जाएगा. सीसीएल कार्यालय में अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद कोयला मंत्री ने राज्यपाल रमेश बैस से भी औपचारिक मुलाकात की. इसके अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने भी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की.

बता दें कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि होने से आयात प्रभावित हुआ है. जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन पर पड़ा है. पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सवाल उठाया था कि चंद दिनों में बिजली संयंत्रों का कोल स्टॉक खत्म हो जाएगा. इसकी वजह से ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है. इसके बाद केंद्र सरकार हरकत में आई. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह और केंद्रीय कोयला मंत्री ने खुद मोर्चा संभाला और भरोसा दिलाया कि किसी तरह का संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा.