Dhanbad : कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अनुसूचित जाति (एससी) की सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में सोमवार को धनबाद में आदिवासी समाज के हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। पारंपरिक वेशभूषा, तीर-धनुष और ढोल-नगाड़ों के साथ उन्होंने गोल्फ ग्राउंड से मेमको मोड़ तक रैली निकाली।
रैली में शामिल महिलाएं और पुरुष पारंपरिक नृत्य करते हुए आगे बढ़े और “एक तीर, एक कमान, आदिवासी एक समान” जैसे नारे लगाए। रैली के अंत में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया कि कुड़मी समाज झूठे तथ्यों के आधार पर खुद को आदिवासी साबित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि कुड़मी समाज न तो कभी एसटी/एससी सूची का हिस्सा रहा है, न ही उसकी संस्कृति और परंपरा आदिवासी समाज से मेल खाती है।

नेताओं ने सरकार से मांग की कि ऐसे भ्रामक आंदोलनों पर रोक लगाई जाए और कुड़मी समाज को किसी भी हाल में अनुसूचित जाति या जनजाति में शामिल न किया जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आदिवासी समाज अपनी संस्कृति, पहचान और अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगा।
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