सरकार का बड़ा फैसला, अब भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगा पासपोर्ट

Joharlive Desk

नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे सरकारी कर्मचारी अब पासपोर्ट नहीं बनवा पाएंगे। सरकारी आदेश के मुताबिक, अगर किसी सरकारी कर्मचारी को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया है या फिर उसके खिलाफ मुकदमे को मंजूरी दे दी गई है, तो वह पासपोर्ट नहीं हासिल कर पाएगा। कार्मिक मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय और केंद्रीय सतर्कता आयोग के साथ मिलकर मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा के बाद यह फैसला किया है।

कार्मिक मंत्रालय द्वारा केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को जारी आदेश के मुताबिक, ऐसे कर्मचारियों को पासपोर्ट मंजूरी के लिए सतर्कता अनापत्ति जरूरी है। अगर कोई अधिकारी निलंबित है या उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर हो चुकी है तो सतर्कता आयोग अनापत्ति को रोक सकता है। आदेश के मुताबिक, सरकारी बाबुओं की पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए सतर्कता अनापत्ति तब भी रोकी जा सकती है, अगर सक्षम प्राधिकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम या किसी अन्य आपराधिक मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी हो या अदालत ने मामले का संज्ञान ले लिया हो।

इसके अलावा सभी विभागों को यह जांचने को कहा गया है कि क्या उनके यहां काम करने वाले बाबुओं को भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 6 (2) का प्रावधान इससे जुड़ा है या नहीं। यह धारा संबंधित प्रशासन को आवेदक को पासपोर्ट देने से इनकार करने का अधिकार देती है अगर भारत से बाहर उसकी मौजूदगी किसी देश के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रभावित कर सकती है या केंद्र सरकार को यह लगता है कि आवेदक को यात्रा दस्तावेज जारी करना जनहित में नहीं है।