New Delhi : दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक संस्थाओं में से एक, इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) में दूसरे सबसे बड़े पद पर बैठीं भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) जल्द ही अपनी नौकरी छोड़ने वाली हैं. IMF ने बताया है कि गीता अगस्त के अंत में अपना पद छोड़कर वापस हार्वर्ड यूनिवर्सिटी लौट जाएंगी, जहां वह अर्थशास्त्र की प्रोफेसर के रूप में काम करेंगी.
IMF की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि वह सही समय पर गीता के उत्तराधिकारी यानी इस पद पर आने वाले नए व्यक्ति के नाम की घोषणा करेंगी.
IMF में गीता गोपीनाथ का सफर
गीता गोपीनाथ ने 2019 में IMF में मुख्य अर्थशास्त्री (Chief Economist) के रूप में काम शुरू किया था. वह यह पद संभालने वाली पहली महिला थीं, जो एक बड़ी उपलब्धि थी. उनके बेहतरीन काम को देखते हुए जनवरी 2022 में उन्हें प्रमोशन देकर फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया, जो IMF का दूसरा सबसे बड़ा पद है.
अपने इस्तीफे पर गीता ने कहा कि वह IMF में काम करने के इस अवसर के लिए हमेशा आभारी रहेंगी. उन्होंने इसे “जीवन में एक बार” मिलने वाला मौका बताया. उन्होंने कहा, “अब मैं शिक्षा की दुनिया में वापस लौट रही हूँ, जहाँ मैं युवा अर्थशास्त्रियों को तैयार करने और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर रिसर्च करने का काम करूँगी.”
मुख्य बातें
- गीता गोपीनाथ अगस्त के अंत में IMF का दूसरा सबसे बड़ा पद छोड़ देंगी.
- वह वापस अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने लौटेंगी.
- उनके जाने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण पद खाली हो जाएगा.
कौन हैं गीता गोपीनाथ?
गीता गोपीनाथ भारतीय मूल की एक अमेरिकी नागरिक हैं. वह IMF में आने से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ही पढ़ाती थीं. अब वह वापस वहीं जा रही हैं. उनके अचानक पद छोड़ने के फैसले से कुछ लोग हैरान हैं.
इस इस्तीफे के क्या है मायने :
गीता गोपीनाथ का पद छोड़ना एक ऐसे समय पर हो रहा है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का माहौल है. IMF में सबसे ज़्यादा हिस्सेदारी अमेरिका की है, इसलिए वहाँ के फैसलों पर अमेरिका का बड़ा असर रहता है.
अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनते हैं, तो वह वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव करना चाहते हैं. उनकी नीति दूसरे देशों से आने वाले सामान पर ज़्यादा टैक्स लगाने की रही है. ऐसे में, गीता के जाने से यह पद खाली हो जाएगा. तब अमेरिकी सरकार के पास यह मौका होगा कि वह इस पद के लिए किसी ऐसे व्यक्ति की सिफारिश करे जो उनकी आर्थिक नीतियों का समर्थन करता हो. फिलहाल, पूरी दुनिया की नजरें इस बात पर हैं कि IMF में इस महत्वपूर्ण पद पर अगला व्यक्ति कौन होगा.
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