New Delhi : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आज यानी मंगलवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे और दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। इसकी जानकारी उनके सहयोगी कंवर सिंह राणा ने X पर पोस्ट कर दी है।
पूर्व गवर्नर चौधरी सत्यपाल सिंह मलिक जी नहीं रहें।#satyapalmalik
— Satyapal Malik (@SatyapalMalik6) August 5, 2025
कौन थे सत्यपाल मलिक :
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसावदा गांव में जन्मे सत्यपाल मलिक ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1965 में मेरठ कॉलेज से छात्र राजनीति के माध्यम से की। 1966-67 में वे मेरठ कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए। 1974 में भारतीय क्रांति दल (बीकेडी) के टिकट पर बागपत से विधायक बने और उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे।
1975 में लोकदल के गठन के बाद उन्हें अखिल भारतीय महामंत्री बनाया गया। 1980 में लोकदल के प्रतिनिधि के रूप में राज्यसभा भेजे गए। 1984 में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की और 1986 में कांग्रेस के टिकट पर पुनः राज्यसभा सांसद बने। 1987 में बोफोर्स घोटाले से असंतुष्ट होकर उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया और जनमोर्चा में शामिल हो गए।
1988 में जनता दल में शामिल हुए और 1989 में अलीगढ़ से सांसद चुने गए। 1990 में वे केंद्रीय राज्य मंत्री भी रहे। 2004 में सत्यपाल मलिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और 2005-06 में यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष बने। 2014 में वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे और 2017 में बिहार के राज्यपाल नियुक्त किए गए। 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया।
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक सफर (संक्षेप में) :
- 1974-77 : विधायक, बागपत
- 1980-84 : राज्यसभा सांसद
- 1986-89 : राज्यसभा सांसद
- 1989-91 : सांसद, अलीगढ़
- 1990 : केंद्रीय राज्य मंत्री
- 2017 : राज्यपाल, बिहार
- 2018 : राज्यपाल, जम्मू-कश्मीर
सत्यपाल मलिक के निधन पर उनके सहयोगियों और समर्थकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।