Jamshedpur : झारखंड के जमशेदपुर में 2017 के बहुचर्चित नागाडीह मॉब लिंचिंग कांड में अदालत ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमलेश कुमार सहाय की अदालत ने यह फैसला सुनाया। पहले इन पांचों को हत्या और अन्य धाराओं में दोषी ठहराया गया था।
क्या था मामला?
18 मई 2017 को जुगसलाई के बागबेड़ा क्षेत्र के नागाडीह में ‘बच्चा चोर’ की अफवाह फैल गई। उन्मादी भीड़ ने जुगसलाई नया बाजार निवासी विकास वर्मा, उनके भाई गौतम वर्मा, बागबेड़ा निवासी गंगेश गुप्ता और विकास की 76 वर्षीय दादी रामसखी देवी को पीट-पीटकर हत्या कर दी। रामसखी देवी ने पोते-पोतियों को बचाने की कोशिश की, लेकिन 20 जून 2017 को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया था। कुल 28 आरोपी थे, जिनमें से 23 को पहले ही बरी कर दिया गया था।
दोषियों के नाम और सजा
दोषी करार दिए गए पांच आरोपी हैं: राजाराम हांसदा (जेल में बंद), रेंगो पूर्ति, गोपाल हांसदा, सुनील सरदार और तारा मंडल। अदालत ने इन्हें भारतीय न्याय संहिता (भादवि) की धारा 148, 349/149, 302/149, 341/149, 342/149, 338/149 और 117 के तहत दोषी पाया। सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

अभियोजन पक्ष की प्रतिक्रिया
अभियोजन पक्ष के वकील सुशील जायसवाल ने कहा कि दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी। सूचक पक्ष के वकील सुधीर कुमार पप्पू ने बरी अभियुक्तों के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही।
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