Patna : बिहार की सियासत में एक बार फिर हड़कंप मच गया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से जुड़े इंजीनियर सुनील कुमार उर्फ सुनील सिंह ने नीतीश कुमार की अगुआई वाली एनडीए सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की साजिश रची थी। इस साजिश में बालू माफियाओं और संगठित अपराध नेटवर्क से मिले फंड का इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। मंगलवार को EOU ने सुनील से तीन घंटे तक पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए।
EOU की जांच में सामने आया…
EOU ने सुनील को पटना स्थित अपने कार्यालय में तलब किया और एक प्रश्नावली के आधार पर सवाल किए। सूत्रों के अनुसार सुनील ने बालू माफियाओं से अपने संबंध स्वीकार किए, हालांकि कुछ सवालों के जवाब देने से वह बचते रहे। जांच में पता चला कि विधायकों को लुभाने के लिए जुटाई गई धनराशि का स्रोत अवैध बालू खनन और अन्य अपराध नेटवर्क थे। EOU ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में सक्रिय लोगों के जरिए विधायकों को प्रभावित करने के सबूत भी जुटाए हैं।
साजिश की शुरुआत और FIR
यह मामला 9 फरवरी 2024 को सुर्खियों में आया, जब जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने पटना के कोतवाली थाने में FIR दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि RJD से जुड़े सुनील ने उनके रिश्तेदार रणजीत कुमार के जरिए उनसे संपर्क किया और 12 फरवरी 2024 को नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट में महागठबंधन के पक्ष में वोट देने के लिए 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का लालच दिया। EOU ने जांच शुरू की और हॉर्स ट्रेडिंग के पुख्ता सबूत जुटाए।
बालू माफियाओं का कनेक्शन
EOU की जांच में सामने आया कि बिहार में अवैध बालू खनन से होने वाली मोटी कमाई का एक हिस्सा इस सियासी साजिश में लगाया गया। EOU ने पहले ही 52 कुख्यात अपराधियों की 56.95 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को भेजा है, जिनमें कई बालू माफिया शामिल हैं।
सुनील के तेजस्वी से करीबी रिश्ते
इंजीनियर सुनील को RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का करीबी माना जाता है। EOU ने शनिवार को उनके पटना के किदवईपुरी और वैशाली के सैदुल्लाहपुर स्थित आवासों पर नोटिस चस्पा किया था। पूछताछ के बाद EOU सूत्रों ने संकेत दिया कि सुनील को जल्द ही दोबारा तलब किया जा सकता है। सुनील ने कोर्ट का रुख किया है, लेकिन EOU के पास मौजूद सबूत उनकी मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
आगे की जांच
EOU अब इस साजिश के अन्य किरदारों और फंडिंग के स्रोतों की गहराई से पड़ताल कर रही है। बिहार की सियासत में इस खुलासे ने नई हलचल मचा दी है, और विपक्षी दलों पर सवाल उठ रहे हैं। जांच के नतीजे आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे सकते हैं।
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