बिजली विभाग का कर्ज 8500 करोड़, अब 50 लाख उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी

रांची : झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम दावा पर दावा करता रहा है कि 24 घंटे बिजली उपलब्ध रहेगी. लेकिन बिजली वितरण निगम कर्ज में भी डूबा हुआ है. झारखंड बिजली वितरण निगम  का कर्ज बढ़कर लगभग 8500 करोड़ रुपए हो गया है. यह  देनदारी डीवीसी, एनटीपीसी, टीवीएनएल समेत अन्य कंपनियों से बिजली खरीदे जाने के मद में है. लेकिन बिजली वितरण निगम एक बार फिर से राज्य के 50 लाख उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी में हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि 400 यूनिट से अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 8.60 रुपए प्रति यूनिट की दर शुल्क देने का प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपा गया है. फाइनांशियल ईयर 2023-24 के लिए वितरण निगम ने जो प्रस्ताव नियामक आयोग को सौंपा है, उसके मुताबिक घरेलू उपभोक्ताओं को 2.35 रुपए प्रति यूनिट बढ़ाने का प्रस्ताव है. वहीं, 400 यूनिट तक खपत करनेवाले उपभोक्ताओं की दर 7.60 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है.

400 रुपए प्रतिमाह पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम ने जो नियामक आयोग को प्रस्ताव सौंपा है, उसके मुताबिक आम उपभेक्ताओं को प्रतिमाह 400 रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा. यदि किसी उपभोक्ता के घर में चार किलोवाट का लोड है, तो अभी उसे वर्तमान में केवल 75 रुपये प्रतिमाह देना पड़ता है. पर टैरिफ प्रस्ताव के अनुसार 100 रुपये प्रति किलोवाट प्रति माह, यानी लगभग 400 रुपये प्रति माह अतिरिक्त केवल फिक्स्ड चार्ज के रूप में देना पड़ेगा. जेबीवीएनएल ने टैरिफ पिटीशन को जारी कर आम जनता से इस पर आपत्ति मांगी है.  बिजली उपभेक्ता तीन अक्तूबर तक जनता सुझाव या आपत्ति दर्ज करा सकते हैं.

क्या है तैयारी

श्रेणी    : वर्तमान दर(प्रति यूनिट)      : प्रस्तावित दर(प्रति यूनिट)

घरेलू(ग्रामीण 400 यूनिट तक) : 5.75        : 7.00

घरेलू(ग्रामीण 400 यूनिट से अधिक) : 5.75 : 8.00

घरेलू(शहरी 400 यूनिट तक)  : 6.25 :7.60

घरेलू(शहरी 400 यूनिट से अधिक) : 6.25 : 8.60