Ranchi : राजद महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने आज प्रेस बयान जारी कर चुनाव आयोग और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। यादव ने कहा कि चुनाव आयोग, जो कि एक संवैधानिक और निष्पक्ष संस्था होती है, अब SIR (Special Intensive Revision) के नाम पर गरीब, मजदूर, दलित और कमजोर वर्ग के लोगों को वोटर लिस्ट से बाहर कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में उन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो रोज़ी-रोटी के लिए बाहर पलायन कर गए हैं।
उन्होंने बताया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड को SIR प्रक्रिया में मान्यता नहीं दी जा रही है, जबकि जो 11 दस्तावेज मांगे गए हैं, उन्हें गरीब और ग्रामीण वर्ग का व्यक्ति देना मुश्किल है।
कैलाश यादव ने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग यह सब केंद्र सरकार के इशारे पर कर रहा है?
राजद का चुनाव आयोग और मोदी सरकार से सवाल :
- नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं, यह गृह मंत्रालय का विषय है।
- SIR के जरिए अब तक कितने विदेशी नागरिक (बांग्लादेशी, नेपाली आदि) की पहचान हुई?
- विधानसभा चुनाव से ठीक पहले SIR प्रक्रिया कराना क्या निष्पक्षता पर सवाल नहीं उठाता?
- जब चुनाव में लगभग 100 दिन बचे हैं तो इतनी जल्दी में प्रक्रिया लागू क्यों की जा रही है?
नीतीश कुमार पर तीखा हमला :
कैलाश यादव ने कहा कि नीतीश कुमार अब ना तो जेपी (जयप्रकाश नारायण) और ना ही कर्पूरी ठाकुर के शिष्य जैसे रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव, लालू यादव और राबड़ी देवी पर नीतीश कुमार ने अमर्यादित टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन लालू यादव की “गोद” से शुरू हुआ था, लेकिन अब वे मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और लगातार तेजस्वी यादव को नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
यादव ने दावा किया कि भाषाई मर्यादा का उल्लंघन करना उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है और जनता इसका जवाब आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में देगी।
Also Read : IND vs ENG : चौथा टेस्ट आज से मैनचेस्टर में, सीरीज में बने रहने के लिए भारत को जीत जरूरी