Pakur: पाकुड़ जिले में बाल विवाह उन्मूलन को लेकर DC मनीष कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि जनलोक कल्याण परिषद्, पाकुड़ आगामी नवंबर 2025 से 100 दिवसीय बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम संचालित करेगी। इसका उद्देश्य बाल विवाह जैसी कुप्रथा के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना और संवेदनशील समुदायों तक सरकारी योजनाओं का प्रभावी लाभ पहुँचाना है।
DC ने सभी विभागों और संस्थाओं को समन्वयपूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्च जोखिम वाले प्रखंडों, पंचायतों और परिवारों की पहचान कर लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इसके साथ ही धार्मिक नेताओं, पुरोहितों, बैंड-बाजा संचालकों और टेंट वालों से संवाद स्थापित करने, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर हेल्पलाइन ग्रुप बनाने और किशोरियों को शिक्षा से जोड़ने के लिए साइकिल एवं छात्रवृत्ति योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि विद्यालयों में स्टूडेंट हेल्प ग्रुप (SHG) का गठन कर परामर्श और जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे। ड्रॉपआउट और अनुपस्थित छात्रों की पहचान कर उन्हें स्कूल से जोड़ने के उपाय किए जाएंगे। इसके अलावा वीडियो प्रदर्शन, स्लोगन लेखन और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं के माध्यम से बाल विवाह उन्मूलन पर जागरूकता फैलाने की रणनीति बनाई गई।

उपायुक्त ने कहा कि बाल विवाह समाज के विकास में बड़ी बाधा है और इसे समाप्त करने के लिए जिला प्रशासन, सामाजिक संस्थाएँ और आमजन सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस विभाग, चाइल्डलाइन, जनलोक कल्याण परिषद्, बचपन बचाओ आंदोलन और पीसीआई के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। इस अवसर पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी और चाइल्डलाइन सर्विस के परामर्शी उपस्थित थे।

 

