जामताड़ा : मकर संक्रांति से पूर्व जामताड़ा में मछली का बाजार गर्म दिखा. दरअसल, बंगाली और आदिवासी समुदाय के साथ समस्त संथाल क्षेत्र में मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व मछली की बहुत मांग रहती है. सभी समुदाय के लोग इस दिन मछली का सेवन करना शुभ मानते हैं. इस कारण रविवार को अहले सुबह से ही हाट बाजार में मछली की भारी तादाद दिखाई दी. विभिन्न किस्म के मछलियों से बाजार अटा हुआ दिखाई दिया. भारी संख्या में लोग भी अपने पसंद की मछली खरीदने में व्यस्त दिखाई दिए. मछली की मांग बढ़ने के कारण मछली के भाव में भी अचानक से उछाल दिखाई दी. आम दिनों की अपेक्षा आज सभी प्रकार के मछलियों की कीमत में तेजी रही.
बंगाली समाज में जहां हिल्सा और पंपलेट जैसे महंगे मछलियों की मांग बढ़ती है, वहीं आम लोग रोहू, कतला, पोठी समेत स्थानीय मछलियों की मांग करते हैं. स्थानीय मछलियों में सबसे ज्यादा कतला के दाम में तेजी दिखाई दी जो 350 से 400 रुपये प्रति किलो के बीच बिका. बर्फ वाली मछलियों के दाम भी 170 से 200 रुपये प्रति किलो के बीच दिखाई दिया. सोहराय के चौथे दिन रविवार को आदिवासी समुदाय में भी मछली की भारी मांग होती है. इस दिन हर घर में मछली बनाया जाता है. जिसे आज नहीं खाया जाएगा बल्कि मकर संक्रांति के दिन लोग इसका खाने में इस्तेमाल करेंगे. कड़ाके की सर्दी के बावजूद लोगों में मकर संक्रांति को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है. यही वजह है कि ठंड और कोहरे के बीच भी लोग हाट बाजार में अपनी जरूरत के सामान लेते दिखाई दिए.

 

