Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी के. राजू ने बिहार में चुनाव आयोग की ओर से लिए गए स्पेशल इन्टेन्सिव इलेक्टोरल रोल से संबंधित निर्णय पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने चुनाव आयोग के इस निर्णय को संविधान और लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध बताया। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि यह निर्णय बाहर काम कर रहे लगभग दो करोड़ प्रवासी वोटरों के मतदान के अधिकार को छीनने जैसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसका सड़क पर उतरकर विरोध करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि चुनाव आयोग नागरिकता प्रमाणित होने पर ही मतदान का अधिकार प्रदान करेगा। जबकि नागरिकता प्रमाणित करना गृह मंत्रालय का कार्यक्षेत्र है, न कि चुनाव आयोग का। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि वर्ष 2021 के बाद मतदाता बने युवाओं को भी इस नई प्रणाली के तहत नागरिकता प्रमाणित करनी होगी। अन्यथा उन्हें मतदान का अधिकार नहीं मिलेगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में संज्ञान लेने की अपील की और उम्मीद जताई कि न्यायालय इस प्रक्रिया को अविलंब रोकने का निर्देश देगा।
के. राजू ने झारखंड में कांग्रेस की ओर से चलाए जा रहे संगठन सृजन कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि तीन महीने पूर्व शुरू हुए इस अभियान के तहत सभी जिम्मेदारियां वितरित की जा चुकी हैं और वरिष्ठ नेताओं को जिला और प्रखंड प्रेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि अब यह कार्यक्रम अपने अंतिम चरण में है, जिसमें ब्लॉक अध्यक्ष, ब्लॉक प्रेक्षक और मंडल अध्यक्षों की टीम गांवों में दो दिन रुककर कांग्रेस ग्राम पंचायत का गठन करेगी। इन पंचायतों की मासिक बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें गांव के मुद्दों और पार्टी अभियानों पर चर्चा होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान सरना धर्म कोड और पेसा कानून के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा की ओर पारित प्रस्ताव (रेजोल्यूशन) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देकर देश के राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश सहित पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे।
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