Patna : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल अपने चरम पर है। एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने चुनावी रणनीति को धार देने के लिए अहम बैठक की, तो दूसरी ओर CM नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के शीर्ष नेताओं के साथ बंद कमरे में रणनीति बनाई। दोनों खेमों की तैयारियों से साफ है कि बिहार में चुनावी रणभेरी बज चुकी है।
महागठबंधन की बैठक में रणनीति पर चर्चा
कल पटना में तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में महागठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वाम दल और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। मिली जानकारी के अनुसार बैठक में सीट बंटवारे, प्रचार अभियान और चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा हुई। तेजस्वी यादव ने युवा और जोशपूर्ण नेतृत्व के साथ विपक्ष को एकजुट करने का संदेश दिया। महागठबंधन की कोशिश है कि सामाजिक समीकरणों और क्षेत्रीय मुद्दों को भुनाकर सत्तारूढ़ NDA को कड़ी चुनौती दी जाए।
नीतीश कुमार की जदयू में मंथन
महागठबंधन की बैठक के ठीक एक दिन बाद आज यानी शुक्रवार को CM नीतीश कुमार ने अपने आवास पर JDU के प्रमुख नेताओं के साथ गोपनीय बैठक की। इस बैठक में JDU के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, वरिष्ठ नेता व मंत्री विजय चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी शामिल हुए। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने NDA के भीतर सीट बंटवारे और प्रत्याशी चयन को लेकर गहन समीक्षा की। इसके साथ ही प्रचार अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए नेताओं की जिम्मेदारियां तय की गईं। नीतीश अपनी प्रशासनिक उपलब्धियों और अनुभव को केंद्र में रखकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं।
NDA और महागठबंधन में कांटे की टक्कर
बिहार की सियासत में इस बार मुकाबला बेहद रोचक होने के आसार हैं। एक तरफ तेजस्वी यादव युवा चेहरा बनकर उभर रहे हैं और सामाजिक न्याय, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं। वहीं, नीतीश कुमार विकास कार्यों और अपनी साफ छवि के दम पर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश में हैं। NDA और महागठबंधन, दोनों ही गठबंधन सीट बंटवारे और प्रचार रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।
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