Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    11 Oct, 2025 ♦ 9:37 AM
    • About Us
    • Contact Us
    • Webmail
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Telegram WhatsApp
    Johar LIVEJohar LIVE
    • होम
    • देश
    • विदेश
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुड़
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सराइकेला-खरसावां
      • साहेबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • राजनीति
    • बिहार
    • कारोबार
    • खेल
    • सेहत
    • अन्य
      • मनोरंजन
      • शिक्षा
      • धर्म/ज्योतिष
    Johar LIVEJohar LIVE
    Home»धर्म/ज्योतिष»आस्था का महापर्व :- छठ
    धर्म/ज्योतिष

    आस्था का महापर्व :- छठ

    Team JoharBy Team JoharApril 7, 2022No Comments2 Mins Read
    Share Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Share
    Facebook Twitter Telegram WhatsApp Email Copy Link

    छठ एक ऐसा पर्व है जिसमे कहा जाता है कि गलती से भी गलती नही हो। बिहार से निकलकर आज पूरा विश्व मे मनाया जाने वाला पर्व छठ महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह और दूसरा कार्तिक मास में। हालांकि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाये जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है। चैत्र माह में मनाया जाने वाला यह पर्व चैती छठ कहा जाता है। इसे कष्ठईं छठ भी कहा जाता है। सूर्य से समय उच्च के होते हैं, यह व्रत मुख्य रूप में भगवान भास्कर के पूजा के रूप में मनाया जाता है। कुंडली में जिनका भी सूर्य खराब हो, बुरा फल दे रहे हो, चर्म रोग हो या आँख से संबंधित किसी भी प्रकार का ब्याधि हो इस व्रत को करना चाहिए। खास कर जिन्हे संतान नही हो यह पावन पर्व जरूर करें। यह व्रत किसी भी उम्र या जात के लोग कर सकते हैं। प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि इस वर्ष आज के दिन रवियोग होने से इस व्रत का महत्व बहुत ही ज्यादा हो गया है। इस साल चैती छठ पर्व 05 अप्रैल 2022, मंगलवार को नहाय- खाय से प्रारंभ होकर 08 अप्रैल, शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा।
    पौराणिक कथानुसार, छठी मैय्या को भगवान सूर्य की बहन कहा जाता है। मान्यता है कि छठ महापर्व में छठी मैय्या व भगवान सूर्य की पूजा करने से छठी मैय्या प्रसन्न होती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से घर में सुख-शांति और संवृद्धि आती है। संतान की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत उत्तम माना गया है।
    छठ पूजा की तिथियां
    05 अप्रैल मंगलवार – नहाय-खाय से प्रारंभ
    06 अप्रैल बुधवार – खरना (खीर भोजन)
    07 अप्रैल गुरुवार – सूर्य देव की संध्या अर्घ्य
    08 अप्रैल शुक्रवार – सूर्य देव का प्रातः अर्घ्य
    अर्घ्य देने का शुभ मुहूर्त
    संध्या अर्घ्य 07 अप्रैल साम 05:30 PM
    सूर्योदय का प्रातः अर्घ्य – 08 अप्रैल, 06:40 AM

    आचार्य प्रणव मिश्रा
    आचार्यकुलम, अरगोड़ा राँची
    8210075897

    Religion News
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Instagram Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Tumblr Telegram WhatsApp Email Copy Link
    Previous ArticleIPL 2022: कोलकाता नाइट राइडर्स ने मुंबई इंडियंस को 5 विकटों से हराया
    Next Article 7 अप्रैल का राशिफल : जानिए क्या कहते हैं आपके सितारे

    Related Posts

    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 11 October 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    October 11, 2025
    ट्रेंडिंग

    करवा चौथ 2025 : आज मनाया जा रहा पावन पर्व, महिलाएं रख रही निर्जला व्रत

    October 10, 2025
    धर्म/ज्योतिष

    Aaj Ka Rashifal, 10 October 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    October 10, 2025
    Latest Posts

    प्रधानमंत्री मोदी करेंगे 42,000 करोड़ की कृषि परियोजनाओं की शुरुआत, किसानों से करेंगे संवाद

    October 11, 2025

    झारखंड में बिजली चोरी पर बड़ी कार्रवाई, तीन दिनों में 1297 लोग पकड़े गए

    October 11, 2025

    झारखंड में बदला मौसम का मिजाज, लातेहार में सबसे कम तापमान दर्ज

    October 11, 2025

    Aaj Ka Rashifal, 11 October 2025 : जानें किस राशि का क्या है आज राशिफल

    October 11, 2025

    आईईडी ब्लास्ट में घायल हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद, नक्सलियों ने किया था ब्लास्ट

    October 11, 2025

    © 2025 Johar LIVE. Designed by Forever Infotech. | About Us | AdSense Policy | Privacy Policy | Terms and Conditions | Contact Us

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.