Gopalganj : बिहार के गोपालगंज जिले में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है। एक साइबर ठग ने खुद को CM सचिवालय का विशेष कार्य पदाधिकारी (OSD) डॉ. गोपाल सिंह बताकर गोपालगंज के SP अवधेश दीक्षित से संपर्क किया। ठग ने एक दारोगा को थानेदार बनाने की सिफारिश की और इसके लिए न केवल फोन कॉल किया, बल्कि SP के सरकारी व्हाट्सएप नंबर पर फर्जी संदेश भी भेजा। मामले की गंभीरता को देखते हुए SP ने तत्काल कार्रवाई करते हुए साइबर थाना को जांच और प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
12 अगस्त को सामने आया फर्जीवाड़ा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह घटना 12 अगस्त 2025 की शाम करीब 7 बजे हुई। SP के सरकारी व्हाट्सएप नंबर पर एक संदेश आया, जिसमें ठग ने खुद को CM हाउस का OSD बताते हुए एक दारोगा को थानेदार के पद पर नियुक्त करने की सिफारिश की। SP अवधेश दीक्षित ने संदेश को संदिग्ध मानते हुए तुरंत साइबर थाना को अलर्ट किया और जांच शुरू करवाई।
साइबर थाना की जांच में खुलासा
साइबर थानेदार डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार ने तकनीकी जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि कॉल और संदेश पूरी तरह फर्जी थे। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले कि यह किसी संगठित गिरोह की साजिश हो सकती है। पुलिस ने फर्जी संदेश भेजने वाले की पहचान कर ली है और उसके खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साइबर अपराध की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
दारोगा की भूमिका भी जांच के दायरे में
इस मामले में जिस दारोगा के नाम पर फर्जी पैरवी की गई, उसकी भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या वह इस साजिश में शामिल था या उसका नाम अनजाने में इस्तेमाल किया गया।
SP का सख्त रुख : ‘फर्जी पैरवी बर्दाश्त नहीं’
SP अवधेश दीक्षित ने सख्त लहजे में कहा कि पुलिस तंत्र में सेंध लगाने की इस तरह की कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी फर्जी पैरवी किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
पुलिस की कार्रवाई जारी
साइबर थाना इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। पुलिस का कहना है कि इस तरह के साइबर अपराधों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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