ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सियासी उथल-पुथल के बीच दिया इस्तीफा

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सियासी उथल-पुथल के बीच पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया गया है कि उन्होंने यह फैसला कंजर्वेटिव पार्टी में लगातार बढ़ रहे विरोध और साथी मंत्रियों के इस्तीफे के बाद लिया। बीते दो दिनों में ही उनके मंत्रिमंडल से 40 मंत्रियों का इस्तीफा हो चुका था। साथ ही जॉनसन के करीबी नेताओं ने भी उन्हें पद छोड़ने का संदेश पहुंचा दिया था। इसके बाद गुरुवार को उन्होंने पीएम पद छोड़ने पर सहमति जता दी।

ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर वह क्या वजहें थीं, जिनकी वजह से बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा? जॉनसन के वे कौन से साथी हैं, जिन्होंने उन्हें पद छोड़ने की सलाह दी? और क्यों जॉनसन के एक करीबी साथी से जुड़े मामले ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दीं?

ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पिछले करीब तीन साल से सत्ता में हैं। दिसंबर 2019 में जबरदस्त जीत के बाद उन्होंने इस पद के लिए दावा मजबूत किया था। हालांकि, उनका यह पूरा कार्यकाल उनकी खुद की पार्टी के लिए ही स्कैंडल और आलोचनाओं से भरा रहा। हालांकि, प्रमुख तौर पर दो ऐसे स्कैंडल रहे, जिसने उनकी प्रधानमंत्री के तौर पर पारी को खत्म कर दिया।

ब्रिटेन में कोरोनावायरस महामारी का दौर सबसे कठिन समय में से एक रहा। इस दौरान सरकार ने लॉकडाउन समेत कई कड़े प्रतिबंध लगाए। इसके चलते जनता को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हालांकि, इसी मुश्किल वक्त के दौरान एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि जब आम जनता कोरोना और प्रतिबंधों से जूझ रही थी, उस दौरान जॉनसन सरकार के कुछ मंत्री और अधिकारी शराब पार्टियां कर रहे थे। वह भी किसी आम क्लब या चोरी-छिपे नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के डाउनिंग स्ट्रीट स्थित आवास पर।

जॉनसन ने लगातार इन आरोपों को नकारा और कहा कि उनके या उनकी पार्टी के नेताओं की तरफ से लॉकडाउन के किसी नियम को नहीं तोड़ा गया। हालांकि, इसी साल 25 मई को सिविल सर्वेंट स्यू ग्रे की जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट दायर की, उससे साफ हो गया कि कोरोना के सबसे कठिन वक्त के दौरान ब्रिटिश सरकार के मंत्री नियमों को ताक पर रख पार्टियां कर रहे थे। इस रिपोर्ट में मई 2020 से लेकर अप्रैल 2021 के बीच की 16 पार्टियों के फोटोग्राफ और जानकारियां दी गई थीं। साथ ही यह भी कहा गया था कि पीएम बोरिस जॉनसन खुद इनमें से कम से कम छह अवैध पार्टियों में शामिल थे।