Breaking News बुढ़मू में फिर टीपीसी के साथ रांची पुलिस की मुठभेड़, जनवरी में अब तक हुई 3 मुठभेड़

रांची। बुढ़मू थाना क्षेत्र में रविवार की रात लगभग सात बजे सुमू जंगल में टीपीसी उग्रवादियों व पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई है। इस दौरान दोनों और से कई राउंड गोलियां चली है। पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली रात्रि व जंगल का फायदा उठा भागने मे सफल रहे है। इस मामले पर डीएसपी अनिमेष नैथानी ने बताया की एसएसपी को गुप्त सूचना मिली थी की टीपीसी उग्रवादियों के विक्रम जी, मुरारी जी व रंजीत महतो अपने दस्ते के साथ सुमू जंगल मे किसी बड़े वारदात को अंजाम देने की फिराक मे जमा हुआ है. इसपर एसएसपी द्वारा गठित स्पेशल क्युआरटी की टीम व जिला पुलिस बल के जवानो के साथ उग्रवादियों का घेराबंदी किया गया, पुलिस को देखते ही उग्रवादियों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाना शरू कर दिया. इधर पुलिस द्वारा जबाबी कार्रवाई मे पुलिस को भारी पड़ता देख उग्रवादी भागने मे सफल हुए, सर्च में घटनास्थल से पुलिस ने हथियार सहित कई सामान किया.साथ ही पुरे क्षेत्र का घेराबंदी कर सर्च अभियान शुरु कर दिया है.

समाचार लिखें जाने तक अभियान जारी था.मौके से पुलिस ने भारी मात्रा मे गोली,रायफ़ल, वाकी टॉकी एवं दर्जन भर से अधिक मोबाईल चार्जर बरामद किया है।जनवरी माह में तीसरी मुठभेड़–पुलिस द्वारा उग्रवाद उन्मूलन केलिये लगातार अभियान जारी है।अकेले बुढ़मू में जनवरी माह में यह उग्रवादियों से तीसरी मुठभेड़ है।12 जनवरी को चैन गड़ा के खुटेर जंगल में टीपीसी से मुठभेड़ में रायफ़ल,गोली आदि बरामद हुआ था वहीं 24 को ठाकुर गांव में पीएलएफआई से हुए मुठभेड़ में एरिया कमांडर विशाल शर्मा मारा गया था वहीं 29 जनवरी को हुए मुठभेड़ में भारी मात्रा में गोली बरामद हुआ है।

चल रहा है लुका छिपी का खेल

सभी मुठभेड़ों में स्थानीय थाना प्रभारियों के साथ एक नाम प्रमुखता से उभरा है वह है एसएसपी के स्पेशल क्यूआरटी टीम के खास प्रवीण तिवारी का।हाल के दिनों में प्रवीण उग्रवादियों पर काल बनकर टूटे हैं जो निर्भीकता से एसएसपी के आदेशों का पालन करते हुए दिन हो या रात बेधड़क जंगलों में घुसकर मुठभेड़ कर रहे हैं।

खासकर टीपीसी से हुए दो मुठभेड़ों में भले ही एरिया कमांडर मुरारी जी व विक्रम जी बच गये हों परंतु यह करवाई टीपीसी का कमर तोड़ने को काफी है।टीपीसी के शीर्ष कमांडरों के पकड़े जाने के बाद से फिलहाल इन्ही कमांडरों के भरोसे उग्रवादी संगठन का अस्तित्व टिका है ऐसा पुलिस का मानना है।