बिहार : केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराने के विरोध में कुशवाहा का आमरण अनशन

Joharlive Desk

पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध नहीं कराए जाने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुस्ती पर सवाल उठाया और कहा कि इसके विरोध में वह 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठेंगे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री कुशवाहा ने आज यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने इस मामले को लेकर स्वयं मुख्यमंत्री श्री कुमार को इस वर्ष 19 सितंबर को पत्र लिखा था लेकिन अब तक इस पर पहल नहीं हो सकी है। 19 सितंबर को केंद्रीय मंत्री की तरफ से मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र की प्रति उन्होंने मुख्यमंत्री दिखाए जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया।

श्री कुशवाहा ने कहा कि जब वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की केंद्र की पिछली सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री के पद पर थे तभी बिहार में नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की पहल की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में केंद्र सरकार ने 13 केंद्रीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया था लेकिन इसके एक वर्ष से अधिक गुजर जाने के बावजूद अब तक भूमि और भवन जैसी सुविधाएं नीतीश सरकार की तरफ से मुहैया नहीं कराई जा रही है।

रालोसपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्रीय मंत्री पोखरियाल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में केंद्रीय विद्यालय नवादा, केंद्रीय विद्यालय औरंगाबाद समेत 13 केंद्रीय विद्यालयों के खोले जाने की चर्चा करते हुए भूमि एवं भवन से संबंधी औपचारिकताएं राज्य सरकार की तरफ से जल्द पूरा कराने को कहा गया था।

श्री कुशवाहा ने कहा कि सरकार की सुस्ती के खिलाफ वह 26 नवंबर से आमरण अनशन करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्रीय विद्यालय खोलने की राह में बाधा बनकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि जब तक वह बाधा दूर नहीं हो जाती वह अनशन पर डटे रहेंगे।