Patna : बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं। राजनीतिक दल और उनके समर्थक फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का जमकर उपयोग कर रहे हैं। लेकिन, इसके साथ ही गलत जानकारी, भ्रामक पोस्ट और आपत्तिजनक टिप्पणियों का प्रसार भी बढ़ गया है। इसे नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सोशल मीडिया पेट्रोलिंग यूनिट के जरिए निगरानी तेज कर दी है।
EOU के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2025 तक 432 आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट चिह्नित किए गए, जिनमें से 15 मामलों में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई। साथ ही, 115 विवादित, भ्रामक और फर्जी प्रोफाइल्स या पोस्ट को सोशल मीडिया कंपनियों के सहयोग से हटाया गया। शेष 288 मामलों की जांच जिला साइबर सेल द्वारा की जा रही है। ये पोस्ट मुख्य रूप से धार्मिक, सांप्रदायिक, जातिगत और व्यक्तिगत मानहानि से संबंधित पाई गई हैं। कुछ मामलों में AI-जनरेटेड फर्जी वीडियो और फोटो के जरिए चरित्र हनन की कोशिश की गई, जिन्हें तत्काल हटाया गया और यूजर्स की पहचान की गई।
साइबर ठगी पर भी कड़ा एक्शन
EOU की साइबर शाखा न केवल सोशल मीडिया पर नजर रख रही है, बल्कि साइबर ठगी के मामलों में भी सक्रिय है। जनवरी से जुलाई 2025 तक के आंकड़े इस प्रकार हैं :
- ऑनलाइन ठगी की शिकायतें : 46,022
- ठगी की राशि : ₹250 करोड़
- होल्ड की गई राशि : ₹57.52 करोड़
- रिफंड की गई राशि : ₹4.51 करोड़
- निष्पादित साइबर केस : 1,335
- गिरफ्तार साइबर अपराधी : 145
- ब्लॉक किए गए मोबाइल नंबर : 5,131
- ब्लॉक किए गए IMEI नंबर : 3,960
चुनाव आयोग की अपील
चुनाव आयोग और राज्य प्रशासन ने मतदाताओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर वायरल सूचनाओं की सत्यता जांचें और आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट की सूचना साइबर सेल को दें। राजनीतिक दलों को भी चुनाव आचार संहिता का पालन करने और डिजिटल प्लेटफॉर्म का जिम्मेदारीपूर्ण उपयोग करने का निर्देश दिया गया है।
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