Ranchi : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने को लेकर बांग्ला उन्नयन संघर्ष समिति के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और अपनी आपत्ति दर्ज कराई। मौके पर समिति ने कहा कि बिहार, झारखंड और बंगाल कभी एक ही प्रेसीडेंसी का हिस्सा थे और वे इस क्षेत्र के मूल निवासी हैं। बावजूद इसके, बांग्ला भाषा और संस्कृति को वह सम्मान नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वह हकदार है।
विवाद का कारण:
हाल ही में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलकर वीर बुधु भगत विश्वविद्यालय कर दिया गया है। समिति ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि यदि सरकार को वीर बुधु भगत के नाम पर विश्वविद्यालय खोलना ही था, तो नया विश्वविद्यालय स्थापित करना चाहिए था, न कि पहले से मौजूद विश्वविद्यालय का नाम बदलना।
समिति के सदस्यों ने राज्यपाल से अपील की कि विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने का निर्णय वापस लिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांग नहीं मानी गई, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे। शिष्टमंडल ने यह भी मांग रखी कि बांग्ला भाषा, उसकी संस्कृति और सभ्यता की रक्षा की जाए और उसे उचित सम्मान दिया जाए।
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