झारखंड: झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में स्थित एशिया का सबसे घना और विशाल साल वृक्षों का जंगल सारंडा अब वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनने जा रहा है। इस ऐतिहासिक फैसले पर जमशेदपुर पश्चिम के विधायक और जदयू नेता सरयू राय ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मेरी 16 साल की लड़ाई आज सफल हो गई।”
विधायक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सारंडा के 57,000 हेक्टेयर क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित करने का आदेश दिया है और इसके लिए राज्य सरकार को 23 जुलाई 2025 तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। सारंडा वन प्रमंडल में सीमांकन की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है।
सरयू राय 2009 से सारंडा को अभ्यारण्य घोषित करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते यह कदम नहीं उठाया जाता, तो खनन के लालच में सारंडा जंगल समाप्त हो सकता था। जंगल की खनिज संपदा को विदेशी कंपनियों को बेचने का भी आरोप उन्होंने लगाया और कहा कि स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटिश काल में सारंडा को सेंचुरी घोषित करने की अधिसूचना की खोज के लिए उन्होंने विधानसभा में कई बार मांग की, पर अधिसूचना कहीं नहीं मिली। अंततः मामला एनजीटी और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार के वन विभाग को कड़ी फटकार लगाते हुए माफी मंगवाई और अभ्यारण्य बनाने का आदेश दिया।
सरयू राय ने कहा कि यह फैसला जंगल को विनाश से बचाएगा। प्रस्तावित सेंचुरी के 57,000 हेक्टेयर क्षेत्र में से करीब 13,000 हेक्टेयर को रिजर्व फॉरेस्ट घोषित किया जाएगा। चाईबासा के उपायुक्त ने भी सीमांकन प्रक्रिया शुरू होने की पुष्टि की है।
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