Ranchi : रांची के सिरमटोली में बन रहे फ्लाईओवर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य आशा लकड़ा ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि जब तक इस मुद्दे पर बैठक नहीं होती, तब तक फ्लाईओवर के ‘रैंप’ का निर्माण कार्य रोका जाए।
कई आदिवासी संगठनों का कहना है कि फ्लाईओवर का रैंप सरना स्थल तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न कर रहा है और इससे धार्मिक स्थल की पवित्रता भंग हो सकती है। आशा लकड़ा ने मंगलवार को आर्यभट्ट सभागार में केंद्रीय सरना समिति और अन्य संगठनों के साथ बैठक की और फिर फ्लाईओवर स्थल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी संगठनों की मांगें जायज हैं क्योंकि सरना स्थल आदिवासी समुदाय का महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र है, जहां सरहुल जैसे त्योहारों पर लाखों लोग आते हैं।
इस मामले को लेकर मंगलवार को एनसीएसटी और झारखंड सरकार के बीच बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन सरकार ने अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया। नई तारीख एक-दो दिन में तय की जाएगी। आशा लकड़ा ने कहा कि वह इस विषय में सरकार को पत्र भी लिखेंगी। यह फ्लाईओवर 2.34 किलोमीटर लंबा है और सिरमटोली को मेकॉन से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। परियोजना की लागत लगभग 340 करोड़ रुपये है और इसका काम अगस्त 2022 में शुरू हुआ था।
राँची,सिरोमटोली, रैम्प उतारने के मामले को लेकर आज राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पदाधिकारियों के साथ सिरोमटोली सरना स्थल एवं रैम्प निमार्ण कार्य निरीक्षण की।@AmitShah @ncsthq @PMOIndia @JPNadda @blsanthosh pic.twitter.com/mRfDvhMFel
— Dr. Asha Lakra (@AshaLakra79) May 13, 2025
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