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    Home»झारखंड»रिम्स की लचर व्यवस्था से फिर गई एक मासूम जान
    झारखंड

    रिम्स की लचर व्यवस्था से फिर गई एक मासूम जान

    Sneha KumariBy Sneha KumariJune 12, 2025No Comments2 Mins Read
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    रिम्स
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    Ranchi : झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) की बदहाल व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इलाज की आस लेकर पहुंचे मरीजों को न सिर्फ घंटों इंतजार करना पड़ता है, बल्कि कई बार इस देरी की कीमत जान देकर चुकानी पड़ती है। बुधवार को एक चार दिन के नवजात की मौत ने फिर से रिम्स की व्यवस्था की पोल खोल दी।

    जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर की बिरहोर जनजाति से आने वाला यह बच्चा जन्म के बाद से ही बीमार था। उसे सांस लेने में दिक्कत थी और रोया भी नहीं था। बेहतर इलाज के लिए दोपहर करीब डेढ़ बजे बच्चे को रिम्स की सेंट्रल इमरजेंसी में लाया गया।

    लेकिन इमरजेंसी में मौजूद कर्मियों ने परिजनों को पहले पीडियाट्रिक वार्ड में जाकर बेड की उपलब्धता पता करने को कहा। परिजन दौड़ते-भागते जानकारी लेकर लौटे और फिर बच्चे को पीडियाट्रिक वार्ड ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया।

    ऐसा पहला मामला नहीं है। चार दिन पहले भी एमजीएम जमशेदपुर में रीता सोबोर नाम की महिला के बच्चे को सांस की तकलीफ के बाद रिम्स रेफर किया गया था। रिम्स की देरी ने उस नवजात की भी जान ले ली। हर दिन दर्जनों मरीज इसी तरह सिर्फ अस्पताल में दाखिला पाने के लिए एंबुलेंस में घंटों इंतजार करते हैं। कुछ की जान बच जाती है, लेकिन कई जिंदगी की जंग हार जाते हैं।

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