Johar Live Desk : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों के संघर्षविराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर नक्सली हथियार डालकर आत्मसमर्पण करते हैं, तो उनका स्वागत है और सुरक्षा बल एक भी गोली नहीं चलाएंगे। शाह ने कहा, “नक्सलियों ने हाल ही में एक पत्र लिखकर कहा कि अब तक जो हुआ वह गलती थी और वे संघर्षविराम चाहते हैं। मैं स्पष्ट कहता हूं, कोई संघर्षविराम नहीं होगा। हथियार डालें, एक भी गोली नहीं चलेगी।”
नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति
‘नक्सल मुक्त भारत’ पर आयोजित एक संगोष्ठी में शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का बेहतर पुनर्वास नीति के साथ स्वागत किया जाएगा। उन्होंने वामपंथी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि नक्सलवाद को वैचारिक समर्थन देने वालों ने इसे बढ़ावा दिया। शाह ने यह भी खारिज किया कि विकास की कमी से नक्सलवाद बढ़ा। उन्होंने कहा कि “लाल आतंक” की वजह से ही देश के कई हिस्सों में दशकों तक विकास रुका रहा।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के बाद प्रस्ताव
शाह का बयान छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” में कई शीर्ष नक्सलियों के मारे जाने के बाद आया है। इसके बाद भाकपा (माओवादी) ने संघर्षविराम की पेशकश की थी। शाह ने कहा कि नक्सलवाद सिर्फ हत्याओं को रोकने से खत्म नहीं होगा। उन्होंने बताया कि नक्सलवाद इसलिए बढ़ा क्योंकि कुछ लोगों ने इसकी विचारधारा को समर्थन दिया।

2026 तक नक्सल मुक्त भारत का लक्ष्य
गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए उन लोगों की पहचान जरूरी है जो इसकी विचारधारा, कानूनी और वित्तीय सहायता दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।
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