JoharLive Desk
नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को ट्रायल कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए चिदंबरम को नोटिस जारी किया है।
पिछले 5 सितम्बर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत दे दी थी। पिछले 6 सितम्बर को ट्रायल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अनिश्चित काल के लिए टाल दिया था। सुनवाई के दौरान जब दोनों जांच एजेंसियों ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की तब स्पेशल जज ओपी सैनी नाराज हो गए।उन्होंने कहा कि आप हमेशा सुनवाई टालने की ही मांग करते हैं। जब आपकी जांच पूरी हो जाए, तब कोर्ट से संपर्क कीजिएगा। जब आपको दूसरे देशों से आग्रह पत्र का जवाब मिल जाए, तब कोर्ट को सूचित कीजिएगा।
पिछले 2 सितम्बर को सीबीआई और ईडी ने स्पेशज जज ओपी सैनी से कहा था कि पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम की हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। सीबीआई और ईडी दोनों ने कहा था कि पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एयरसेल-मैक्सिस डील को मंजूरी दी। दोनों को अगर सुरक्षा दी गई तो वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों ने गंभीर आर्थिक अपराध किया है और यह आम जनता और देश के हित में नहीं है। चिदंबरम से कड़ाई से निपटने की जरूरत है, क्योंकि इस मामले में जांच अभी जारी है। चिदंबरम मनी लांड्रिंग के आरोपित हैं और उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिये अपने अपराधों को अंजाम दिया।
26 नवम्बर 2018 को सीबीआई और ईडी ने कोर्ट को बताया था कि केंद्र सरकार ने एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मामलों में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। 23 नवम्बर 2018 को पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने पटियाला हाउस कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। वकील अर्शदीप ने दोनों की तरफ से जवाब दाखिल करते हुए सीबीआई और ईडी के आरोपों से इनकार किया।